New Delhi: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण समाप्त हो गया है और अब इसका दूसरा चरण जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत बिहार में व्यापक और पारदर्शी तरीके से पुनरीक्षण कार्य किया गया, जिससे मतदाता सूची में सुधार लाने में बड़ी सफलता मिली है।
एसआईआर का उद्देश्य क्या है?
विशेष गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। इस प्रक्रिया में पुराने रिकॉर्ड की जांच, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को हटाना और नए मतदाताओं को शामिल करना शामिल है। आयोग का कहना है कि यह पुनरीक्षण पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सशक्त तरीके से किया जाएगा। मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर करने और सटीक जानकारी सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन और फील्ड सर्वे दोनों का उपयोग किया जाएगा।
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पहले चरण में शामिल होंगे ये राज्य
हालांकि आयोग ने अभी आधिकारिक सूची जारी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पहले चरण में 10 से 15 राज्यों को शामिल किया जाएगा। इनमें विशेष रूप से वे राज्य होंगे, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। संभावित राज्यों की सूची में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुद्दुचेरी का नाम सामने आ रहा है। इन राज्यों में मतदाता सूची की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि को दूर किया जा सके।
पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त प्रक्रिया
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से संचालित होगी। नागरिक अब NVSP (National Voters Service Portal) या Voter Helpline App के जरिए अपने नाम की स्थिति देख सकेंगे और आवश्यक सुधारों के लिए आवेदन कर सकेंगे। इससे न केवल प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि कागजी कार्यवाही में कमी और सुविधाजनक नागरिक सहभागिता भी सुनिश्चित होगी।
बिहार मॉडल बना मिसाल
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में हुए पुनरीक्षण कार्य की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों ने मिलकर एसआईआर के पहले चरण को अत्यंत सफल बनाया। बिहार मॉडल को अब दूसरे चरण में शामिल होने वाले अन्य राज्यों में मानक उदाहरण (Benchmark) के रूप में अपनाया जाएगा।

