Breaking News: भारतीय एड जगत में गहरा शोक, नहीं रहे ‘अबकी बार मोदी सरकार’ के क्रिएटर पीयूष पांडे

मशहूर एड गुरु पीयूष पांडे का 70 वर्ष की उम्र में निधन, जिन्होंने ‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘ठंडा मतलब कोका कोला’ जैसे यादगार विज्ञापन दिए। उनके जाने से भारतीय विज्ञापन उद्योग में बड़ा नुकसान।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 24 October 2025, 10:50 AM IST
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New Delhi: भारतीय विज्ञापन जगत को बड़ा झटका लगा है। मशहूर एड गुरु पीयूष पांडे का 70 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में 'अबकी बार मोदी सरकार', 'ठंडा मतलब कोका कोला' और कई यादगार विज्ञापन बनाए। पांडे ने भारतीय विज्ञापन उद्योग को नई पहचान दी और युवा क्रिएटिव्स के लिए प्रेरणा बने। उनके जाने से विज्ञापन और मार्केटिंग की दुनिया में शून्य महसूस होगा।

कौन थे पीयूष पांडे?

1955 में जयपुर में जन्मे पांडे ने अपने चार दशकों से अधिक लंबे करियर में विज्ञापन को सिर्फ उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और भावनाओं का प्रतीक बनाया। ओगिल्वी इंडिया से जुड़े पांडे ने भारतीय विज्ञापन को वैश्विक पहचान दिलाई।

भारतीयता की छाप और रचनात्मकता

पीयूष पांडे ने अपने कैम्पेन में भारतीयता की छाप को प्रमुख रखा। फेविकोल के ‘अटूट बंधन’, कैडबरी के ‘कुछ खास है’, एशियन पेंट्स के ‘हर खुशी में रंग लाए’ और हच के ‘गुगली वूगली वूस’ जैसे कैम्पेन उनकी रचनात्मक क्षमता का प्रमाण हैं। उन्होंने राजनीतिक विज्ञापन में भी नई दिशा दी, जैसे 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बनाया गया ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ का स्लोगन, जिसने चुनावी रणनीति को ही बदल दिया।

राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक अभियानों में योगदान

पांडे का योगदान केवल विज्ञापन तक सीमित नहीं था। उन्होंने ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ जैसे अभियानों में भी हिस्सा लिया, जिसने भारत की विविधता और एकता को एक सूत्र में बांधा। उनके काम ने दर्शकों और उपभोक्ताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने का उदाहरण पेश किया।

सम्मान और उपलब्धियां

पीयूष पांडे को उनके रचनात्मक योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। उन्हें पद्मश्री (2016), क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2012), एडवर्टाइजिंग एजेंसिज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट (2010) और एलआईए लीजेंड अवार्ड (2024) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्होंने अपनी रचनात्मक यात्रा और अनुभवों को ‘पांडेमोनियम’ नामक पुस्तक में संकलित किया, जो विज्ञापन जगत के छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पीयूष पांडे के निधन पर जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर विज्ञापन गुरु पीयूष पांडे के निधन पर गहरा दुख जताया है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि पांडे जी अपनी रचनात्मकता के लिए सभी द्वारा सराहे जाते थे और उन्होंने विज्ञापन और कम्युनिकेशन की दुनिया में अद्वितीय योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उनके साथ बिताए पलों को हमेशा याद रखेंगे और उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त कीं।

प्रशंसकों और मंत्रियों की संवेदनाएं

पीयूष पांडे के निधन पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर (X) पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “पद्मश्री पीयूष पांडे के निधन पर शब्द कम पड़ गए हैं। विज्ञापन जगत में उनका व्यक्तित्व अद्वितीय था। उनकी रचनात्मकता और कहानी कहने की कला ने हमें हमेशा याद रखने योग्य काम दिए।”

गोयल ने आगे कहा, “वे मेरे लिए एक सच्चे मित्र थे, जिनकी प्रतिभा उनकी प्रामाणिकता, गर्मजोशी और बुद्धिमत्ता में झलकती थी। उनका शून्य भर पाना मुश्किल होगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”

पीयूष पांडे का जाना भारतीय विज्ञापन जगत में एक युग के अंत जैसा है। उनकी रचनात्मकता, भारतीयता और सरलता ने उन्हें न सिर्फ एक महान विज्ञापन निर्माता बनाया, बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रतीक भी। उनके काम की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 24 October 2025, 10:50 AM IST

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