New Delhi: आज जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद केंद्र सरकार ने विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा की। सरकार ने आम जनता और उद्योगों से जुड़े 18 अहम सवालों का जवाब भी दिया, जिनमें खेल, स्वास्थ्य, कृषि, सौंदर्य, परिवहन और अन्य क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण अपडेट शामिल हैं। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। आइए जानते हैं कि इन नए बदलावों का क्या असर होगा और क्या राहत मिल सकती है।
आईपीएल और खेल आयोजनों पर जीएसटी
सभी प्रमुख खेल आयोजनों, जैसे आईपीएल, में टिकट पर जीएसटी दर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई। सरकार ने स्पष्ट किया कि यदि टिकट की कीमत 500 रुपये से कम है, तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि, यदि टिकट की कीमत 500 रुपये से अधिक है, तो उस पर 18% जीएसटी की दर लागू होगी। यह बदलाव खेल प्रेमियों को प्रभावित करेगा और बड़े आयोजनों के लिए जीएसटी दर को स्पष्ट करेगा।
सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर कोई बदलाव नहीं
सिगरेट, बीड़ी, जर्दा और बिना प्रोसेस किए तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। इन पर नई दरें तब लागू होंगी, जब मुआवजा सेस से जुड़ी कर्ज और ब्याज पूरी तरह से चुका दिए जाएंगे। यह कदम तंबाकू उद्योग को राहत देने वाला होगा, लेकिन इन उत्पादों पर कड़ी निगरानी बनी रहेगी।
जीएसटी काउंसिल बैठक: टैक्स रिफॉर्म्स पर बड़ा फैसला, केंद्र पर टिकी राज्यों की नजरें
प्लांट-बेस्ड दूध और पेय पदार्थों पर राहत
सरकार ने प्लांट-बेस्ड दूध (जैसे बादाम, ओट्स, राइस मिल्क) पर जीएसटी की दर को घटाकर 5% कर दिया है, जबकि पहले ये 18% थी। सोया मिल्क पर पहले 12% जीएसटी लगता था, अब उसे भी 5% कर दिया गया है। इसके अलावा, अति उच्च तापमान (यूएचटी) दूध पर भी अब जीएसटी नहीं लगेगा। यह निर्णय दूध और दूध उत्पादों की कीमतों में राहत दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है।
पेट्रोल, डीजल, CNG और LPG कारों पर टैक्स में बदलाव
सरकार ने पेट्रोल, डीजल, CNG और LPG से चलने वाली छोटी कारों पर जीएसटी दर को घटाकर 28% से 18% कर दिया है। यह बदलाव विशेष रूप से उन वाहनों के लिए है जिनमें पेट्रोल या सीएनजी इंजन 1200cc तक और डीजल इंजन 1500cc तक होते हैं। इससे आम उपभोक्ताओं को वाहन खरीदने में राहत मिलेगी।
बिना अल्कोहल वाले पेय पर 40% जीएसटी
बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थों पर जीएसटी दर 40% कर दी गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम उत्पादों के वर्गीकरण में स्पष्टता लाने और कानूनी विवादों को कम करने के लिए उठाया गया है। इस फैसले से कुछ पेय उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन टैक्स का बोझ स्थिर रहेगा।
खाद्य उत्पादों पर 5% जीएसटी
अब से जो खाद्य उत्पाद किसी विशेष श्रेणी में नहीं आते, उन पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। पहले इन उत्पादों पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू होती थीं, जिससे भ्रम की स्थिति बनती थी। इस बदलाव से खाद्य उत्पादों की कीमतों में भी स्थिरता आएगी।
ब्रेड, पराठा, रोटी पर जीएसटी में राहत
ब्रेड पर पहले से ही जीएसटी छूट थी, लेकिन पिज्जा ब्रेड, पराठा, रोटी और परोट्टा जैसी वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू थीं। अब सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि सभी भारतीय ब्रेड पर जीएसटी से छूट मिलेगी, चाहे वे किसी भी नाम से जानी जाएं। इससे भारतीय खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों की अस्पष्टता खत्म होगी।
सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर 5% जीएसटी
पहले सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर 18% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर 5% कर दिया गया है। हालांकि, इन सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलेगा। इससे ग्राहकों को सस्ती सेवाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन यह व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
पनीर और शहद पर अलग-अलग टैक्स दरें
सरकार ने घरेलू पनीर और कृत्रिम शहद पर टैक्स में बदलाव किया है। असली शहद पर टैक्स कम किया गया है, जबकि कृत्रिम शहद पर टैक्स ज्यादा रखा गया है। यह कदम प्राकृतिक शहद को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, पैक और लेबल वाले पनीर पर टैक्स बढ़ाया गया है, लेकिन घरेलू पनीर पर कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कृषि उपकरणों पर 12% से 5% टैक्स
कृषि उपकरणों पर जीएसटी की दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसमें सिंचाई प्रणाली, थ्रेशर, कटाई मशीन और अन्य कृषि उपकरण शामिल हैं। यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे कृषि लागत में कमी आएगी।
दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर टैक्स
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी दवाओं को जीएसटी से मुक्त नहीं किया गया है। ऐसा करने से दवाओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती थी, क्योंकि निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले पाते। इसके अलावा, चिकित्सा और सर्जरी उपकरणों पर अब 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 18% था।
साबुन और अन्य घरेलू उत्पादों पर टैक्स
साबुन की टिकिया (टॉयलेट सोप बार) पर जीएसटी घटाकर 5% कर दी गई है, जबकि तरल साबुन पर अलग दर लागू रहेगी। सरकार ने बताया कि तरल साबुन का उपयोग अलग वर्ग द्वारा किया जाता है, इसलिए उस पर टैक्स दर अलग रखी गई है।
टैक्स दरों का उद्देश्य
40% जीएसटी की विशेष दर केवल कुछ लग्ज़री और हानिकारक वस्तुओं (जैसे सिगरेट) पर लागू की गई है। पहले इन पर जीएसटी के साथ मुआवजा उपकर भी लगता था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। इससे टैक्स बोझ स्थिर रहेगा और सरकार के राजस्व पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
छोटे कृषि ट्रैक्टरों पर टैक्स राहत
सरकार ने छोटे कृषि ट्रैक्टरों पर पूरी तरह से टैक्स माफ नहीं किया है, बल्कि इसे कम करके रखा है। इसका उद्देश्य किसानों को राहत देने के साथ-साथ घरेलू उत्पादन को नुकसान न पहुंचाना है। टैक्स में कमी से किसानों को सस्ती दरों पर ट्रैक्टर मिल सकेंगे, लेकिन लागत में भी बढ़ोतरी नहीं होगी।