रोजगार और आजीविका मिशन बिल 2025 पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तीखी टिप्पणी, बोले- नाम बदलने से…

केंद्र ने विकसित भारत – रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 पेश किया। यह MGNREGA को रिप्लेस करेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में 125 दिनों का रोजगार, बेहतर मजदूरी, सुरक्षा और टिकाऊ बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करेगा।

Updated : 16 December 2025, 3:43 PM IST
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New Delhi: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज लोकसभा में विकसित भारत- रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक के लागू होने पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), 2005 का स्थान इस नए वैधानिक ढांचे से लिया जाएगा। विधेयक का उद्देश्य 'विकसित भारत 2047' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण रोजगार और टिकाऊ अवसंरचना का नया ढांचा तैयार करना है।

MGNREGA को रिप्लेस करेगा विकसित भारत

कृषि मंत्री ने बताया कि नए विधेयक के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार के स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक श्रम करने वाले वयस्क सदस्य को 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। नए विधेयक का मुख्य लक्ष्य चार प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित है- जल सुरक्षा के लिए जल संबंधी कार्य, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, आजीविका संबंधी अवसंरचना और चरम मौसमी घटनाओं से निपटने के लिए विशेष कार्य।

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विधेयक के माध्यम से श्रमिकों को अधिक कार्यदिवसों की गारंटी, बेहतर मजदूरी, मजबूत सुरक्षा और पारदर्शी कार्यान्वयन तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि यह कानून ग्रामीण रोजगार और आजीविका के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो सोर्स- संसद टीवी)

इस विधेयक पर क्या बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव?

इस विधेयक को लेकर सियासी प्रतिक्रिया भी सामने आई। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि नाम बदलने से कोई बहुत बड़ा काम नहीं होगा। उनका कहना था कि MGNREGA से लाखों लोगों को रोजगार मिलता था और आज की महंगाई में मानदेय बढ़ाने तथा इस योजना के माध्यम से किसानों को जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि नए बिल से राज्य सरकारों पर पूरा भार डाल दिया जाएगा, जबकि कई राज्यों को अभी तक MGNREGA के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिला है।

अखिलेश यादव ने कहा, "राज्य और केंद्र में योजनाओं के लिए पैसा न आने की वजह से नुकसान होने का खतरा है। इसलिए सिर्फ नाम बदलने से बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती।" उन्होंने जोर देकर कहा कि रोजगार और ग्रामीण आजीविका को लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए, न कि केवल योजनाओं के नाम बदलने पर राजनीति हो।

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सरकार ने बताया कि विधेयक के लागू होने से ग्रामीण परिवारों को लंबे समय तक रोजगार, बेहतर मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और आजीविका संबंधित योजनाओं में भी सुधार होगा, जो 'विकसित भारत 2047' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 16 December 2025, 3:43 PM IST