

महाराष्ट्र सरकार की माझी लाड़ली बहन योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपए दिए जाते हैं।
लाड़ली बहन योजना
Mumbai: देश के तमाम राज्यों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रही हैं। जिसमें महाराष्ट्र सरकार की ओर से महिलाओं के लिए लाडकी बहिन योजना शुरू की गई है। जिसमें महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये का लाभ दिया जाता है। अब तक इस योजना की 12 किस्तें जारी की जा चुकी है।
लेकिन अब इस योजना में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। अकेले नागपुर जिले में 61,146 ऐसे लोगों ने योजना का लाभ उठाया, जो इसके लिए पात्र ही नहीं थे। इनमें आर्थिक रूप से सक्षम महिलाएं और कई पुरुष भी शामिल हैं। प्रशासन ने अब इन फर्जी लाभार्थियों को अपात्र घोषित कर लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने 26.34 लाख लोगों को इस योजना से बाहर कर दिया है। योजना के तहत, महाराष्ट्र में 21 से 65 वर्ष की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को DBT के जरिए 1,500 रुपये महीने का वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
नागपुर जिले में लाडकी बहीन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के लिए 5.80 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। शुरुआती किस्त भी कई लाभार्थियों के खाते में भेज दी गई थी। लेकिन बाद में जब जांच हुई, तो पाया गया कि 61 हजार से ज्यादा आवेदन नियमों के खिलाफ थे।
राज्य सरकार अब लाडकी बहिन योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त रवैया अपना रही है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने साफ किया है कि जो पुरुष या अपात्र लोग गलत तरीके से इस योजना का लाभ ले चुके हैं। उनसे पूरी राशि वसूल की जाएगी।
सरकार ने साफ कहा है कि यह योजना सिर्फ उन महिलाओं के लिए जो वाकई इसकी हकदार हैं। जांच के दौरान अगर किसी को अपात्र पाया गया। तो ना सिर्फ पैसे लौटाने होंगे। बल्कि कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, वेरिफिकेशन प्रोसेस में अपात्र पाए जाने के बावजूद लाभ प्राप्त करने के मामले सामने आए थे यानी अपात्र लोगों को अगली किस्त के पैसे नहीं मिलेंगे।
लाड़ली बहन योजना के लिए ये हैं अपात्र-
1. जिनकी संयुक्त वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक है।
2. जिनके परिवार के सदस्य इनकम टैक्स देते हैं।
3. जिनके परिवार के सदस्य भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी सरकारी विभाग/उपक्रम/बोर्ड/स्थानीय निकाय में नियमित/स्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं।