भारतीय दानवीर: जानिए कौन है देश के सबसे बड़े दानदाता शिव नाडर?

एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 के अनुसार, ,नाडर और उनके परिवार ने पिछले वर्ष कुल 2,708 करोड़ रुपये दान किए और इस प्रकार वे भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए। इसका मतलब है कि नादर ने पिछले वर्ष औसतन 7.4 करोड़ रुपये प्रतिदिन दान किए। यह चौथी बार है जब नादर और उनका परिवार पिछले पाँच वर्षों में इस सूची में शीर्ष पर रहा है।

Updated : 8 November 2025, 3:04 PM IST
google-preferred

मुंबई: एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एंव अध्यक्ष और शिव नाडर फाउंडेशन के चैयरमेन शिव नाडर एक बार फिर भारत के सबसे उदार दानवीर बन गए हैं। एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 ( EdelGive Hurun India Philanthropy List 2025) के अनुसार,नाडर और उनके परिवार ने पिछले वर्ष कुल 2,708 करोड़ रुपये दान किए और इस प्रकार वे भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए। इसका मतलब है कि नादर ने पिछले वर्ष औसतन 7.4 करोड़ रुपये प्रतिदिन दान किए। यह चौथी बार है जब नादर और उनका परिवार पिछले पाँच वर्षों में इस सूची में शीर्ष पर रहा है। एडेलगिव-हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2025 में उन्हें भारत का सबसे बड़ा परोपकारी व्यक्ति घोषित किया गया है।

कौन हैं शिव नाडर?

शिव नाडर का जन्म 14 जुलाई 1945 को मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान तमिलनाडु के थूथुकुडी ज़िले) के मूलाईपोझी गाँव में हुआ था। उनके माता-पिता शिवसुब्रमण्य नादर और वामासुंदरी देवी थे। शिव नाडर ने 1967 में अमेरिकन कॉलेज, मदुरै से प्री-यूनिवर्सिटी डिग्री और पीएसजी कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।

नाडर ने 1967 में पुणे स्थित वालचंद समूह की कूपर इंजीनियरिंग लिमिटेड में अपना करियर शुरू किया, लेकिन जल्द ही साझेदारी में अपना खुद का उद्यम शुरू करने के लिए इसे छोड़ दिया। नादर और उनके सहयोगियों द्वारा शुरू किया गया पहला उद्यम माइक्रोकॉम्प था। यह कंपनी भारतीय बाजार में टेलीडिजिटल कैलकुलेटर बेचने पर केंद्रित थी।

दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान, गरीबों को 5 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन; आ रही ये योजना

1976 में नाडर ने एचसीएल की स्थापना

एचसीएल टेक 1976 में नाडर ने एचसीएल की स्थापना की और अगले तीन दशकों में इस आईटी हार्डवेयर कंपनी को एक आईटी उद्यम में बदल दिया। एचसीएलटेक का मुख्यालय नोएडा में है। 1980 में,एचसीएल ने आईटी हार्डवेयर बेचने के लिए सिंगापुर में फार ईस्ट कंप्यूटर्स की स्थापना करके अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कदम रखा। इस उद्यम ने पहले वर्ष में 10 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया और सिंगापुर में अपने परिचालन को जारी रखा।

शिव नाडर फाउंडेशन

1990 के दशक के मध्य से, उन्होंने शिव नाडर फाउंडेशन के माध्यम से भारत की शिक्षा प्रणाली के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उनका योगदान मुख्य रूप से नाडर फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में रहा है। यह फाउंडेशन वंचित छात्रों के लिए शिव नाडर विश्वविद्यालय और विद्याज्ञान स्कूल जैसे संस्थान चलाता है।

दिल्ली के रोहिणी में लगी भीषण आग, 400 से ज्यादा झोपड़ियां जलकर खाक; जानें क्या है हादसे की पीछे की वजह

तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति

2008 में, नाडर को आईटी उद्योग में उनके प्रयासों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। अगस्त 2020 में, नाडर ने अपनी बेटी रोशनी नादर को कार्यभार सौंप दिया, जो किसी सूचीबद्ध भारतीय आईटी कंपनी की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। जुलाई 2021 में, नाडर ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह एचसीएल टेक के सीईओ सी विजयकुमार ने पाँच साल के कार्यकाल के लिए कार्यभार संभाला।अक्टूबर 2021 में, फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें भारत के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति का दर्जा दिया।

Location : 
  • mumbai

Published : 
  • 8 November 2025, 3:04 PM IST