

सावन की पहली सोमवारी पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए हजारों भक्त मंदिर की 468 सीढ़ियाँ चढ़ते नजर आए। ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए।
पहाड़ी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
Ranchi News: श्रावण मास की पहली सोमवारी पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में आज आस्था का महासागर देखने को मिला। सुबह होते ही भक्तजन भगवान भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए मंदिर की ओर उमड़ पड़े। हर साल की तरह इस बार भी सावन की पहली सोमवारी भक्तों के लिए विशेष रही।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 4 बजे से ही मंदिर के नीचे श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगने लगीं। सिर पर जल, दूध, बेलपत्र और फूलों की थाली लिए श्रद्धालु 468 सीढ़ियाँ चढ़ते हुए 'हर-हर महादेव' और 'बम-बम भोले' के नारों से वातावरण को गूंजायमान कर रहे थे।
शिवभक्ति में डूबे श्रद्धालु
शिवभक्तों के लिए सावन की पहली सोमवारी विशेष महत्व रखती है। रांची के पहाड़ी मंदिर में हर वर्ष इस दिन श्रद्धा और भक्ति की ऐसी लहर दौड़ती है कि पूरा शहर भक्ति के रंग में रंग जाता है। भक्तों का कहना है कि सावन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और आस्था का महीना है।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने पहले से ही व्यापक तैयारी कर रखी थी। पुलिस बल, होमगार्ड और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी ताकि दर्शन के दौरान कोई अव्यवस्था न हो। सीढ़ियों के दोनों ओर बैरिकेडिंग, जगह-जगह जलपान और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सीसीटीवी कैमरे और श्रद्धालुओं की कतारों को सुव्यवस्थित करने के लिए वॉलंटियर्स को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
श्रद्धा से सराबोर रहा मंदिर परिसर
मंदिर परिसर में आज का दृश्य आस्था और अध्यात्म का जीवंत चित्र था। ढोल-नगाड़ों की गूंज, मंत्रोच्चारण की ध्वनि और भक्तों की टोली ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालु न केवल पूजा कर रहे थे, बल्कि कुछ लोग मंदिर परिसर में ध्यान और भजन-कीर्तन में भी लगे नजर आए।
धार्मिक आयोजन और सामाजिक सौहार्द
पहली सोमवारी पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर सामूहिक रुद्रपाठ और हवन भी हुआ, जिसमें स्थानीय नागरिकों से लेकर बाहर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया।