हिंदी
ग्वालियर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट शनिवार को पहली कोशिश में लैंड नहीं कर सकी। हालांकि दूसरी बार में विमान सुरक्षित उतर गया। एयरलाइन ने घटना पर सफाई देते हुए कहा है कि तकनीकी जांच में कोई खराबी नहीं पाई गई है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस (Img: Google)
Bohpal: एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट, जो बेंगलुरु से 160 यात्रियों को लेकर ग्वालियर आ रही थी, शनिवार को पहली बार में ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई। हालांकि थोड़ी देर बाद विमान ने सफलतापूर्वक दूसरी कोशिश में लैंडिंग की। घटना के बाद यात्रियों में कुछ देर के लिए बेचैनी जरूर देखी गई, लेकिन विमान सुरक्षित लैंड हो जाने से सभी ने राहत की सांस ली।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'विमान ने एक चक्कर लगाया और फिर बिना किसी परेशानी के सुरक्षित लैंडिंग कर ली।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह स्थिति सुरक्षा मानकों के तहत एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया।
तकनीकी जांच में नहीं मिली कोई खराबी
लैंडिंग के तुरंत बाद एयरलाइन के तकनीकी कर्मचारियों ने विमान की पूरी जांच की, लेकिन कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई। एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारी ने बताया कि कभी-कभी पहली बार में रनवे पर हवा या अन्य कारणों से लैंडिंग मुश्किल हो जाती है, इसलिए पायलट दूसरी कोशिश करता है।
हालांकि, कुछ यात्रियों ने विमान से उतरने के बाद एयरलाइन अधिकारियों से अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने उड़ान के दौरान हुई असुविधा का ज़िक्र किया।
पहले भी सामने आ चुकी है ऐसी स्थिति
यह पहला मौका नहीं है जब एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को लैंडिंग में परेशानी का सामना करना पड़ा हो। 3 अगस्त 2025 को फ्लाइट IX2718, जो बेंगलुरु से उड़ान भर रही थी, तकनीकी खराबी के कारण वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई थी। उस समय भी एयरलाइन ने मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ईंधन जलाने और वजन कम करने के बाद सुरक्षित लैंडिंग की थी।
एयरलाइन ने जताया खेद
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इस हालिया घटना के संदर्भ में यात्रियों से असुविधा के लिए खेद प्रकट किया है। प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है। किसी भी तकनीकी संदेह की स्थिति में हम पूरी एहतियात बरतते हैं।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि विमान को हवा में कुछ देर इसलिए रखा गया ताकि फ्यूल कम हो और लैंडिंग सुरक्षित तरीके से की जा सके।