Surya Grahan 2025: आज दिखेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें टाइमिंग और नियम

21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, जानें समय, सूतक और ज्योतिषीय प्रभाव।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 21 September 2025, 11:53 AM IST
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New Delhi: साल 2025 में कुल चार ग्रहण लगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल रहे। अब वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण रविवार, 21 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके बावजूद ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व माना जाता है।

सूर्य ग्रहण का समय

  • आरंभ: रात 10:59 बजे
  • चरम: रात 1:11 बजे
  • समापन: तड़के 3:23 बजे
  • कुल अवधि: 4 घंटे 26 मिनट

इस दिन आश्विन माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि रहेगी, जिसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है।

सूतक काल

ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगता है। यानी 21 सितंबर को सुबह 11 बजे से सूतक शुरू होगा। लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक मान्य नहीं होगा। लोग सामान्य रूप से धार्मिक और दैनिक कार्य कर सकेंगे।

Surya Grahan 2025

साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज

कहां दिखाई देगा ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण भारत सहित कई एशियाई देशों में दिखाई नहीं देगा। हालांकि, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण प्रशांत क्षेत्रों में इसे देखा जा सकेगा।

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ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व

भले ही ग्रहण भारत में दिखाई न दे, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इसका असर सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। खासकर ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय मानी जाती है।

ग्रहण के प्रभाव से बचने के उपाय

शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय कुछ उपाय करने से इसके दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं:

  • ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • ग्रहण के बाद स्नान कर गरीबों को दान दें।
  • घर में गंगाजल का छिड़काव करें ताकि वातावरण शुद्ध हो।

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  • ग्रहण काल में भोजन न करें और पानी में तुलसी के पत्ते डालकर सुरक्षित रखें।
  • ग्रहण के दौरान सोने से बचें और पूजा-पाठ में समय दें।

यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई न देने के कारण यहां के धार्मिक अनुष्ठानों पर सीधा असर नहीं डालेगा, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से इसके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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