Sawan 2025: सावन में साग और कढ़ी खाने से क्यों किया जाता है परहेज? जानिए इसके पीछे की वैज्ञानिक और धार्मिक वजह

सावन के पवित्र महीने में साग और कढ़ी जैसे खाद्य पदार्थों को नहीं खाने की परंपरा है। यह पूरा माह भगवान शिव की उपासना और व्रत-उपवास के लिए समर्पित होता है। इस दौरान भक्तगण केवल पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि अपने खानपान और जीवनशैली में भी विशेष सतर्कता बरतते हैं। जानिए इसके पीछे छिपे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण, जिससे आपकी सेहत और श्रद्धा दोनों सुरक्षित रहें।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 13 July 2025, 2:59 PM IST
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New Delhi: सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पूरा माह भगवान शिव की उपासना और व्रत-उपवास के लिए समर्पित होता है। इस दौरान भक्तगण केवल पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि अपने खानपान और जीवनशैली में भी विशेष सतर्कता बरतते हैं। खासतौर पर साग और कढ़ी जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को सावन में वर्जित माना जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों इन चीजों से परहेज किया जाता है?

धार्मिक कारण

सावन भगवान शिव को समर्पित महीना है और इस समय व्रत रखने की परंपरा भी विशेष महत्व रखती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में सात्त्विक भोजन करना चाहिए, जिसमें हल्का, सुपाच्य और शुद्ध आहार हो। साग और कढ़ी जैसे पदार्थ तामसिक प्रकृति के माने जाते हैं, जो मन को चंचल और शरीर को आलसी बना सकते हैं। साथ ही ये शरीर में गर्मी और अम्लता बढ़ा सकते हैं, जिससे व्रत और पूजा के प्रभाव में कमी आ सकती है।

वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण

आयुर्वेद के अनुसार, सावन के मौसम में वर्षा के कारण वातावरण में आर्द्रता अधिक होती है। इस समय पाचन शक्ति (अग्नि) कमजोर हो जाती है, जिससे पचने में भारी, खट्टी या तैलीय चीजें शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

साग जैसे पालक, मेथी, सरसों आदि पत्तेदार सब्जियां इस मौसम में जल्दी कीटाणु या बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती हैं। इनसे फूड पॉइजनिंग, अपच, पेट दर्द या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कढ़ी, जो दही और बेसन से बनती है, अम्लीय (खट्टी) प्रकृति की होती है। सावन में यह अम्लता पाचन तंत्र को और अधिक कमजोर कर सकती है और एसिडिटी, गैस और बदहजमी की समस्या पैदा कर सकती है।

Why do we not eat greens in Sawan (Source-Google)

सावन में साग क्यों नहीं खाते है (सोर्स-गूगल)

आयुर्विज्ञान और मौसमी प्रभाव

बारिश के मौसम में खेतों में कीचड़, नमी और गंदगी के कारण सब्जियां विशेष रूप से साग संक्रमण का कारण बन सकती हैं। यहां तक कि धोने के बाद भी उनके पत्तों में हानिकारक सूक्ष्म जीव रह सकते हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।

इसी प्रकार खट्टी कढ़ी बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ावा दे सकती है, खासकर जब वह लंबे समय तक रखी जाती है या दोबारा गर्म की जाती है।

क्या खाएं सावन में?

इस पावन महीने में हल्का-फुल्का, सात्त्विक और ताजा बना भोजन जैसे मूंग की दाल, खिचड़ी, फल, दूध और सूखे मेवे लेना बेहतर होता है। नारियल पानी, तुलसी युक्त जल और हरी सब्जियों में तोरई, लौकी, गिलकी जैसी सुपाच्य सब्जियों का सेवन किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक परंपराओं, जनविश्वासों और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को सावन माह के दौरान खानपान से संबंधित मान्यताओं और स्वास्थ्य संबंधी सुझावों की जानकारी देना है।

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Published : 
  • 13 July 2025, 2:59 PM IST

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