Shibu Soren Funeral Updates: अनंत यात्रा पर निकले शिबू सोरेन, बाबा दिशोम के लिए छलक पड़े हेमंत के आंसू

झारखंड की राजनीति में आदिवासी अस्मिता और संघर्ष की पहचान बन चुके पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। उन्हें झारखंड में ‘गुरुजी’ के नाम से जाना जाता था। मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा (जिला रामगढ़) में पूरे राजकीय सम्मान के साथ थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन से झारखंड सहित पूरे देश में शोक की लहर है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 5 August 2025, 11:43 AM IST
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Jharkhand: 81 वर्षीय शिबू सोरेन बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे और एक महीने से अधिक समय से अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन की सूचना मिलते ही राजनीतिक, सामाजिक और जनजातीय समुदायों में शोक की लहर दौड़ गई।

उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह दिल्ली से रांची और फिर पैतृक गांव नेमरा लाई गई और थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार होगा। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़े। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो उनके पुत्र हैं, ने खुद अंतिम यात्रा का नेतृत्व किया और नम आंखों से अपने पिता को श्रद्धांजलि दी।

हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा, "गुरुजी केवल मेरे पिता नहीं, झारखंड की आत्मा थे। उन्होंने आदिवासियों, किसानों और मजलूमों की आवाज को देश के सामने बुलंद किया। आज हम सबने एक युगपुरुष खो दिया है।"

राजकीय सम्मान और शोक संदेश

शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। रांची, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और दुमका जैसे कई इलाकों से हजारों समर्थक 'गुरुजी' के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि "शिबू सोरेन ने जनजातीय समाज की बेहतरी के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। उनका योगदान अमिट रहेगा।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "श्री शिबू सोरेन जी ने झारखंड की राजनीति में एक विशेष स्थान बनाया। उनका संघर्षशील जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।"

राजनीतिक विरासत

शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के संघर्ष में अहम भूमिका निभाई। वह आदिवासी हितों की रक्षा के लिए हमेशा मुखर रहे और उनकी पहचान एक जननायक के रूप में रही।

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  • Jharkhand

Published : 
  • 5 August 2025, 11:43 AM IST