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अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक तनाव फिर बढ़ गया है। एक विवादित विज्ञापन में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आवाज के इस्तेमाल पर नाराजगी जताते हुए अमेरिका ने कनाडाई उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया। कनाडाई पीएम मार्क कार्नी ने इस पर माफी मांगी और संवाद की अपील की।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और डोनाल्ड ट्रंप
Washington: अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। विवाद की जड़ एक राजनीतिक विज्ञापन है, जिसमें अमेरिका के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आवाज का इस्तेमाल किया गया था। यह विज्ञापन कनाडा के ओंटारियो प्रीमियर डग फोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया था। इसमें रीगन के पुराने रेडियो भाषण की एक क्लिप लगाई गई थी, जिसमें वे टैरिफ के खतरों की बात करते हैं। इस विज्ञापन को फॉक्स स्पोर्ट्स पर एक क्रिकेट मैच के दौरान प्रसारित किया गया, जिसे 90 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा।
इस विज्ञापन को लेकर Reagan Presidential Foundation ने कड़ी आपत्ति जताई। फाउंडेशन का कहना है कि न तो कनाडा सरकार और न ही ओंटारियो प्रशासन ने रीगन की आवाज या भाषण के उपयोग की अनुमति ली थी। इसके अलावा, क्लिप को भ्रामक तरीके से एडिट किया गया, जिससे संदेश का अर्थ पूरी तरह बदल गया। फाउंडेशन ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विज्ञापन पर तीखी प्रतिक्रिया दी। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर उन्होंने लिखा कि “कनाडा ने एक फर्जी विज्ञापन प्रसारित किया जिसमें रीगन को टैरिफ विरोधी बताया गया, जबकि यह पूरी तरह झूठ है।” उन्होंने आगे कहा कि यह “अमेरिकी हितों पर सीधा हमला” है और इससे दोनों देशों के बीच भरोसे को गहरा नुकसान पहुंचा है।
विवाद बढ़ने के बाद व्हाइट हाउस ने सख्त कदम उठाते हुए कनाडा से आने वाले एल्यूमिनियम और कृषि उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया। ट्रंप ने कहा कि “जब तक कनाडा अपनी गलत सूचना नीति पर रोक नहीं लगाता, तब तक किसी भी तरह की व्यापार वार्ता नहीं होगी।” इस फैसले के बाद कनाडा के बाजार में अस्थिरता देखने को मिली और निवेशकों में चिंता बढ़ गई।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से माफी मांगी है। उन्होंने माना कि विज्ञापन अनुचित था और इससे अमेरिका को ठेस पहुंची है। कार्नी ने कहा, “हमारा उद्देश्य टकराव नहीं, बल्कि सहयोग है। जब अमेरिका तैयार होगा, हम बातचीत के लिए तैयार हैं।”
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यह विवाद भले ही विज्ञापन से शुरू हुआ हो, लेकिन अमेरिका-कनाडा के बीच टैरिफ को लेकर पुराना तनाव एक बार फिर उभर आया है। 2018 में ट्रंप प्रशासन ने कनाडाई स्टील और एल्यूमिनियम पर भारी शुल्क लगाया था, जिससे दोनों देशों के रिश्ते ठंडे पड़ गए थे। अब विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह नया टैरिफ विवाद बढ़ा तो उत्तरी अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर दीर्घकालिक असर पड़ सकता है।