

बीजिंग की विक्ट्री डे परेड में चीन ने HQ-29 जैसी अंतरिक्ष सक्षम मिसाइल सिस्टम पेश कर दुनिया को चौंका दिया है। इस प्रणाली को ‘Satellite Killer’ कहा जा रहा है जो अमेरिकी GPS और Starlink को भी खतरे में डाल सकती है। इससे वैश्विक स्पेस रेस में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
‘सैटेलाइट किलर’ HQ-29
New Delhi: चीन ने एक बार फिर दुनिया को अपने बढ़ते सैन्य प्रभुत्व का अहसास कराया है। बीजिंग में आयोजित विक्ट्री डे परेड में पहली बार चीन ने अपने सबसे अत्याधुनिक और रहस्यमय माने जा रहे HQ-29 एंटी-मिसाइल सिस्टम को सार्वजनिक रूप से दुनिया के सामने पेश किया। इसे चीन का "Satellite Killer" यानी उपग्रह विनाशक प्रणाली कहा जा रहा है। परेड में चीन ने कुल 6 प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम को प्रदर्शित किया HQ-11, HQ-20, HQ-22A, HQ-9C, HQ-19 और सबसे चर्चित HQ-29। इनमें HQ-29 ने दुनिया के रक्षा विश्लेषकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह सिस्टम केवल वायुमंडल तक ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष तक जाकर दुश्मन के उपग्रह और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
‘सैटेलाइट किलर’ HQ-29
HQ-29 एक एडवांस्ड एंटी-बैलिस्टिक और एंटी-सैटेलाइट सिस्टम (ABM + ASAT) है, जो 7.5 मीटर लंबा और 1.5 मीटर व्यास का है। यह लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मौजूद उपग्रहों को ट्रैक और तबाह कर सकता है। यही वजह है कि इसे "Satellite Hunter" कहा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, HQ-29 का उद्देश्य सिर्फ़ बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करना नहीं है, बल्कि अमेरिका के GPS, Starlink, और कम्युनिकेशन सैटेलाइट जैसे नेटवर्क्स को भी खतरे में डालना है। इसकी क्षमताएं अमेरिकी SM-3, रूसी S-500 और PL-19 Nudol जैसी टॉप क्लास प्रणालियों के समकक्ष मानी जा रही हैं।
1. HQ-11: टर्मिनल डिफेंस के लिए, जो कम दूरी पर आने वाले क्रूज मिसाइल, हेलीकॉप्टर, और ड्रोन को मार गिराता है।
2. HQ-20 और HQ-22A: मिड-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम, जो आधुनिक जेट्स और हाई-एल्टीट्यूड ड्रोन को रोकने में सक्षम हैं।
3. HQ-9C: मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम, जो वायुमंडलीय खतरों के अलावा कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों को भी रोक सकता है।
4. HQ-19: अमेरिका के THAAD सिस्टम के समकक्ष, जो हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) तक को रोक सकता है।
5. HQ-29: चीन की सबसे शक्तिशाली प्रणाली, जो अंतरिक्ष तक जाकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।
चीन के इस कदम को रक्षा विश्लेषकों ने अंतरिक्ष के सैन्यीकरण (Militarization of Space) की दिशा में एक बड़ी छलांग बताया है। HQ-29 जैसी प्रणालियाँ अमेरिका की कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, स्टारलिंक संचार, और ड्रोन ऑपरेशंस को निष्क्रिय कर सकती हैं। दक्षिण चीन सागर, ताइवान स्ट्रेट और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत पहले से ही अमेरिका के लिए चुनौती बन चुकी है। अब HQ-29 की मौजूदगी के बाद चीन ने अंतरिक्ष में भी अपने प्रभुत्व की दावेदारी ठोक दी है।
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