

ब्रिटेन की संसद के बाहर फिलिस्तीन एक्शन समूह पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में 400 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पोस्टर लेकर हिस्सा लिया। पुलिस ने आतंकवाद अधिनियम और सार्वजनिक व्यवस्था उल्लंघन के तहत कार्रवाई की। प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने उसी दिन मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल किए।
ब्रिटेन संसद के बाहर हंगामा
London: ब्रिटेन की संसद के बाहर शनिवार को फिलिस्तीन एक्शन समूह पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन करने इकठ्ठा हुए। ब्रिटेन सरकार ने इस समूह को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जिसके विरोध में प्रदर्शनकारी संसद और उसके आसपास जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पोस्टर लिए हुए थे जिन पर लिखा था, ‘मैं नरसंहार का विरोध करता हूं, मैं फिलिस्तीनी कार्रवाई का समर्थन करता हूं’।
प्रदर्शन में शामिल लोगों की संख्या डिफेंड अवर ज्यूरीज के अनुसार लगभग 1500 थी। प्रदर्शन की शुरुआत के कुछ ही मिनटों में पुलिस ने गिरफ्तारी शुरू कर दी। राहगीरों ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए ‘शर्म करो’ और ‘मेट पुलिस, एक पक्ष चुनो, न्याय या नरसंहार’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रूप से शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाए।
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के आठ घंटे बाद लंदन पुलिस ने बताया कि 425 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 25 से अधिक को पुलिस या अधिकारियों पर हमला करने और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बाकी गिरफ्तारियां आतंकवाद अधिनियम के तहत की गईं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारियों का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखना और प्रदर्शन को नियंत्रित करना था।
विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह डिफेंड अवर ज्यूरीज ने कहा कि प्रदर्शन में लोग केवल अपने विचार व्यक्त करने के लिए इकठ्ठा हुए थे। उनका उद्देश्य फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन करना था और वे हिंसा में शामिल नहीं थे। समूह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने केवल नारेबाजी और पोस्टर के माध्यम से अपना संदेश दिया।
ब्रिटेन में फिलिस्तीन एक्शन समूह विरोध प्रदर्शन (Img: Google)
इसी दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने अपने मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल किए। इस कदम के तहत कई महिला सांसदों को मंत्रिमंडल के उच्चतम पदों पर नियुक्त किया गया। पाकिस्तानी मूल की शबाना महमूद को गृह मंत्री बनाया गया, जबकि पूर्व गृह अधिकारी यवेट कूपर को विदेश मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया। इसके अलावा चांसलर रेचल रीव्स के साथ-साथ सरकार के शीर्ष तीन पदों का नेतृत्व पहली बार महिलाओं के हाथ में होगा। यह बदलाव ब्रिटेन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और नेतृत्व को दर्शाता है।
ब्रिटेन में फिलिस्तीन एक्शन समूह के खिलाफ प्रदर्शन और इसके बाद हुई गिरफ्तारी ने देश में राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को तेज कर दिया है। प्रदर्शन ने सरकार और जनता के बीच फिलिस्तीन मुद्दे पर मतभेद को उजागर किया। वहीं, मंत्रिमंडल में किए गए बदलाव ने यह संकेत दिया कि महिला नेताओं को अब ब्रिटेन में उच्चतम पदों पर जिम्मेदारी दी जा रही है।
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