

रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
रूस और यूक्रेन (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। ताजा घटनाक्रम में रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है। इस हमले में रूस ने यूक्रेन पर कुल 367 ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिससे कई शहरों में भारी तबाही मची। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच 1000 बंदियों की रिहाई को लेकर समझौता हुआ था और तुर्की में शांति वार्ता भी हो चुकी थी।
कीव और अन्य शहरों में तबाही का मंजर
यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई प्रमुख शहरों को इस हमले में निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा दर्जनों लोग घायल हुए हैं। दक्षिणी यूक्रेन के मिकोलाइव शहर में एक 77 वर्षीय बुजुर्ग की भी मौत हो गई। ड्रोन हमले से एक अपार्टमेंट पूरी तरह तबाह हो गया। चारों ओर मलबा और चीख-पुकार का माहौल था।
रूस और यूक्रेन (सोर्स-इंटरनेट)
यूक्रेन की वायु सेना ने दावा किया कि उसने रूस द्वारा दागे गए 266 ड्रोन और 45 मिसाइलों को मार गिराया। हालांकि, इससे भी बड़े पैमाने पर तबाही को नहीं रोका जा सका। कीव प्रशासन के अनुसार रूस ने इस बार बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया, जिससे इमारतों को भारी नुकसान हुआ है।
जेलेंस्की का अमेरिका और ट्रंप पर तीखा हमला
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस हमले के बाद अमेरिका और विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और बाकी दुनिया की चुप्पी व्लादिमीर पुतिन को और अधिक आक्रामक बना रही है। जेलेंस्की ने कहा, "रूस खुलेआम आतंकी हमला कर रहा है। क्या यह प्रतिबंध लगाने के लिए काफी नहीं है? क्या और मासूमों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई होगी?"
जेलेंस्की ने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का व्यवहार और बयानबाज़ी पुतिन के लिए प्रेरणा बन रही है। उन्होंने मांग की कि वैश्विक समुदाय को अब गंभीरता से कदम उठाने होंगे क्योंकि केवल बयानबाजी से हालात नहीं बदलने वाले।
रूस का पलटवार और शांति वार्ता की विफलता
वहीं रूस ने भी दावा किया कि यूक्रेन ने उस पर भी ड्रोन हमले किए हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने 95 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया है, जिनमें से 12 को मॉस्को के पास इंटरसेप्ट किया गया।
इस बीच तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच हुई शांति वार्ता भी बेनतीजा रही। यूक्रेन चाहता था कि कम से कम एक महीने का युद्धविराम हो ताकि बातचीत का रास्ता साफ हो सके, लेकिन रूस ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।