

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर करने के फैसले की कड़ी निंदा की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की आईएमएफ की निंदा
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय सहायता का दुरुपयोग पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और सीमा पर हमलों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह कर्ज मंजूरी का फैसला क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता से सीमा पर तनाव कम नहीं होगा। इसके विपरीत, यह पुंछ, राजौरी, उरी, तंगधार और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा और तबाही को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस धन का उपयोग आतंकवाद को पोषित करने और सीमा पर गोलाबारी जैसे हमलों को अंजाम देने में कर रहा है, जिससे निर्दोष लोगों की जान जा रही है और क्षेत्र में अशांति फैल रही है।
पाकिस्तान को IMF से मिले लोन पर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल#IndiaPakistanWar #umarabdullah #IMFLoan @OmarAbdullah pic.twitter.com/j4iiHAfTMQ
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) May 10, 2025
दरअसल, पाकिस्तान को आईएमएफ से एक अरब डॉलर का कर्ज मिलने की घोषणा की गई है, लेकिन इसके साथ ही भारत ने आईएमएफ को पाकिस्तान की नीयत को लेकर आगाह किया है। भारत ने यह चेतावनी दी है कि पाकिस्तान इस कर्ज का इस्तेमाल सीमा पार प्रायोजित आतंकवाद के लिए कर सकता है।
आतंकवाद के लिए हो सकता है इस्तेमाल
भारत का कहना है कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड कर्ज का दुरुपयोग करने का रहा है और आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज को आतंकवाद जैसी नापाक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी और बताया कि भारत ने आईएमएफ से इस मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भारतीय सरकार का कहना है कि पाकिस्तान कई बार आईएमएफ से कर्ज ले चुका है, लेकिन शर्तों को पूरा करने में हमेशा विफल रहा है और उसके आर्थिक सुधारों में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में तनाव की स्थिति
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही गोलाबारी के कारण जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस गोलाबारी में अब तक कई जानें जा चुकी है, जबकि बहुत से लोग घायल हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। जम्मू क्षेत्र के कम से कम पांच जिलों जम्मू, राजौरी, सांबा, पुंछ और अन्य से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इन इलाकों में रहने वाले परिवारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बार-बार होने वाली गोलाबारी ने उनके जीवन को खतरे में डाल दिया है।
वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी और मंत्री सतीश शर्मा के साथ जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने शिविरों में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया और विस्थापित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार उनकी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम ने राहत शिविरों में भोजन, पानी, चिकित्सा सुविधाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।