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गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के 22 महीनों में भूख से हालात भयावह हो गए हैं। अब तक 124 लोगों की भूख से मौत हो चुकी है, जिनमें 81 बच्चे शामिल हैं। जुलाई में ही 40 मौतें हुई। लोग नमक-पानी पर जीने को मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आरोप लगाया है कि गाजा में हर तीसरे व्यक्ति को कई दिन बाद खाना मिल रहा है।
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New Delhi: गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध को 22 महीने पूरे हो चुके हैं और इसके चलते हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं। भूख और कुपोषण अब इस युद्ध का सबसे खतरनाक चेहरा बनते जा रहे हैं। अब तक भूख से 124 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 81 बच्चे शामिल हैं। केवल जुलाई महीने में 40 मौतें दर्ज हुई हैं, जिनमें 16 मासूमों की जान चली गई।
50 ग्राम बिस्किट के पैकेट की कीमत 750 रुपये
भोजन और जरूरी सामान इतने महंगे हो चुके हैं कि सामान्य जीवन की कल्पना भी कठिन है। 50 ग्राम बिस्किट का पैकेट 750 रुपये में बिक रहा है और नकद पैसे निकालने पर 45 प्रतिशत तक कमीशन देना पड़ रहा है। लोगों को सिर्फ नमक और पानी से गुजारा करना पड़ रहा है।
कुपोषण से बच्चों की मौत में तेजी
गाजा में पहले सबसे ज्यादा मरीज हवाई हमलों में घायल लोग होते थे, लेकिन अब उनकी जगह कुपोषित और भुखमरी के शिकार बच्चे ले चुके हैं। गाजा के हर कोने में लोग भूख से जूझ रहे हैं। हालात हर दिन और खराब होते जा रहे हैं।
कई दिनों में एक बार मिल रहा खाना
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में हर तीसरे व्यक्ति को कई दिन बाद भोजन मिल पा रहा है। राहत एजेंसियों का मानना है कि यदि जल्द ही सहायता नहीं बढ़ाई गई तो भुखमरी एक व्यापक जनसंहार में बदल सकती है।
इजराइल ने शुरू की एयर रूट से मदद भेजने की प्रक्रिया
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इजराइल ने गाजा में पहली बार एयर रूट से मानवीय सहायता भेजने की अनुमति दी है। इजराइली सेना ने पुष्टि की है कि एयर डिलीवरी शुरू हो चुकी है। अमेरिका में इजराइल के राजदूत येचील लेइटर ने शनिवार को कहा कि सेना रविवार से ‘ह्यूमेनिटेरियन कॉरिडोर’ खोलेगी। जिससे गाजा की आबादी को भोजन और दवाएं मिल सकें।
ब्रिटेन-फ्रांस-जर्मनी की संयुक्त अपील, "युद्ध अब रोका जाए"
गाजा में गंभीर होते हालात के मद्देनज़र ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा बंधकों की रिहाई से पहले ही तत्काल युद्धविराम किया जाए। गाजा के नागरिकों को तुरंत भोजन, पानी और मदद मिलनी चाहिए। इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवता कानूनों का पालन करना चाहिए।”
ट्रंप का बयान: ‘हमास शांति नहीं, मौत चाहता है’
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संकट पर विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि हमास शांति नहीं चाहता, वो मरना चाहता है। समय आ गया है कि इजराइल अब हमास का सफाया करे और अपने सैन्य मिशन को तेज करे। उनका यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिका ने मध्यस्थता की भूमिका से खुद को अलग कर लिया है, जिससे शांति प्रयासों को और झटका लगा है।
इजराइल पर फिलिस्तीनियों को ड्रग्स देने का आरोप
गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने आरोप लगाया है कि इजराइली सेना ने GHF (गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन) के जरिए जो आटा वितरित किया उसमें ऑक्सीकोडोन नामक नशीली दवा मिली है। दावा है कि इजराइल नशे की लत फैलाकर लोगों को कमजोर करने की साजिश कर रहा है और ड्रग्स को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
70 प्रतिशत इमारतें तबाह और 85 प्रतिशत आबादी बेघर
गाजा में तबाही का मंजर किसी आपदा से कम नहीं है। 70 प्रतिशत से अधिक इमारतें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। 19 लाख लोग यानी गाजा की करीब 85 प्रतिशत आबादी बेघर हो चुकी है। इजराइली सेना जबरन बेदखली, बमबारी और सहायता रोककर गाजा को खत्म करने की कोशिश कर रही है।