

गाजा पट्टी में भोजन और राहत की तलाश में निकले फलस्तीनियों पर इस्राइली सेना द्वारा की गई कथित गोलीबारी ने एक बार फिर इस मानवीय संकट को उजागर कर दिया है। ताजा घटना में 23 लोगों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र और स्थानीय अस्पतालों की रिपोर्टों के अनुसार राहत केंद्रों के आसपास ऐसे हमले आम हो चुके हैं। युद्ध की शुरुआत से अब तक 60,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
गाजा में भुखमरी
New Delhi: गाजा में राहत सामग्री लेने पहुंचे नागरिकों पर इस्राइली सेना की गोलीबारी का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार दक्षिण गाजा के राहत केंद्रों पर जब भीड़ खाने के लिए पहुंची। तभी अचानक गोलियां चलने लगीं। चश्मदीदों के मुताबिक यह गोलीबारी बिना किसी चेतावनी के शुरू हुई। 23 फलस्तीनियों की मौके पर मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हैं। घटनास्थल से जुड़े वीडियो और बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि पीड़ित सिर्फ भूख मिटाने की कोशिश कर रहे थे।
शवों से भरे राहत केंद्रों के आसपास के इलाके
गाजा के नासिर अस्पताल ने बताया कि कई शव राहत केंद्रों के पास से लाए गए हैं। विशेषकर तेइना, शाकूश और मोराग नाम की जगहों पर हुई गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई। इन इलाकों में अमेरिका और इस्राइल द्वारा समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) राहत कार्य कर रहा है। रफाह और खान यूनुस जैसे क्षेत्रों में भी स्थिति गंभीर है। यहां तेइना और मोराग में राहत की आस लगाए बैठे लोगों पर भी गोलियां चलाई गई, जिससे नौ और लोग मारे गए।
चश्मदीदों ने बयां की दर्दनाक हकीकत
खाना लेने गए यूसुफ आबेद बताते हैं, “जैसे ही हम राहत केंद्र के पास पहुंचे, गोलियां चलने लगीं। तीन लोग मेरी आंखों के सामने गिरे, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका।” दूसरे व्यक्ति हमजा ने बताया कि सैनिक नहीं चाहते थे कि हम आगे बढ़ें। जब हमने कदम बढ़ाया तो सीधे गोलियां चला दी गई। औदा अस्पताल ने पुष्टि की है कि नेटजारिम कॉरिडोर के पास GHF राहत केंद्र पर हुई गोलीबारी में 5 लोग मारे गए और 27 घायल हुए।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, आंकड़े डरावने
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 मई से 31 जुलाई के बीच केवल GHF राहत केंद्रों के आसपास 859 लोग मारे गए। इसके अलावा यूएन राहत ट्रकों के रास्तों पर भी सैकड़ों लोगों की जान गई है। इससे पहले भी दर्जनों बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें राहत पाने की कोशिश कर रहे लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
गाजा में मानवीय संकट चरम पर
गाजा पट्टी में 20 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं और वहां भुखमरी जैसे हालात हैं। विशेषज्ञों और राहत एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि इस्राइल की नाकाबंदी और हमलों के कारण गाजा अकाल की कगार पर है| खाद्यान्न, दवा और पानी की भारी कमी है और जो भी थोड़ी-बहुत राहत पहुंचती है। वहां भी लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है।
7 अक्टूबर से अब तक 60,000 से ज्यादा मौतें
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में अब तक 60,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं 1200 से ज्यादा इस्राइली और इस्राइली-अमेरिकी भी मारे गए थे। हमास ने 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया था, जिनमें से कई मारे जा चुके हैं, कुछ समझौते के तहत रिहा हुए हैं और कुछ अभी भी बंधक हैं।