Earthquake: तिब्बत में भूकंप के झटकों से हिला इलाका, रिक्टर स्केल पर 4.2 की तीव्रता से कांपी धरती

तिब्बत क्षेत्र में शुक्रवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए कितनी तीव्रता से आया भूकंप

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 23 May 2025, 5:19 PM IST
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तिब्बत: चीन के तिब्बत क्षेत्र में शुक्रवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। ये झटके सुबह 9:27 बजे आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र चीन और नेपाल की सीमा के पास स्थित था। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों में डर का माहौल देखा गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, तिब्बत क्षेत्र में पहले भी कई बार भूकंप महसूस किए जा चुके हैं। पिछले कुछ महीनों में चीन के इस संवेदनशील क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके अलावा हाल ही में चीन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में भीषण भूस्खलन की खबर आई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 17 से ज्यादा लोग मलबे में फंस गए थे। भूकंप क्यों आते हैं?

भूकंप (सोर्स-इंटरनेट)

भूकंप (सोर्स-इंटरनेट)

धरती के अंदर सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो लगातार अपनी जगह पर खिसकती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या इनके बीच घर्षण होता है, तो धरती की सतह पर अचानक ऊर्जा का विस्फोट होता है, जिसे भूकंप कहते हैं। इसका प्रभाव जितना गहरा और तीव्र होता है, नुकसान उतना ही अधिक होता है।

भारत में भूकंप के क्षेत्र

भूकंपीय खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत में वैज्ञानिकों ने पूरे देश को चार क्षेत्रों में बांटा है- जोन 2 से लेकर जोन 5 तक। जोन-5 को सबसे संवेदनशील माना जाता है जबकि जोन-2 को सबसे कम। देश की राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जहां 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप भी आ सकता है। हिमालयी क्षेत्र, कच्छ और पूर्वोत्तर भारत को उच्च भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्र माना जाता है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप का प्रभाव

अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 से 4.9 के बीच है, तो घर का सामान हिल सकता है। अगर यह 5 से 5.9 है, तो भारी सामान गिर सकता है। 6 से अधिक तीव्रता होने पर इमारतें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यदि यह 7 या इससे अधिक है तो तबाही की संभावना है और यदि यह 8 से अधिक है तो सुनामी का खतरा है।

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