

नेपाल सरकार ने देश में जारी हिंसा और उथल-पुथल के बीच बड़ा फैसला लेते हुए आम नागरिकों के वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लगा दी है। अब केवल पुलिस, सेना, मेडिकल, सरकारी विभागों और खाद्य-रसद आपूर्ति से जुड़ी गाड़ियों को ही ईंधन मिलेगा।
आम जनता को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
Kathmandu: नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक तनाव के चलते सरकार ने ईंधन आपूर्ति को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब आम जनता को पेट्रोल और डीज़ल नहीं मिलेगा। केवल आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं, जैसे पुलिस, सेना, स्वास्थ्य, सरकारी विभाग और खाद्य-रसद वाहनों को ही ईंधन दिया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य देश में सीमित संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और व्यवस्था बनाए रखना है।
बता दें कि नेपाल में सोशल मीडिया बैन के बाद शुरू हुआ विरोध अब व्यापक हिंसा में तब्दील हो गया है। दूसरे दिन भी काठमांडू समेत देशभर में छात्रों के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन जारी रहे। इस बीच नेपाल सरकार ने बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए आम नागरिकों के वाहनों को पेट्रोल और डीजल देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध अब केवल पुलिस, सेना, मेडिकल सेवाएं, सरकारी विभागों और रसद आपूर्ति करने वाले वाहनों तक ही सीमित रहेगा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा दें। इस मांग को लेकर राजधानी में "KP चोर", "देश छोड़ो" और "भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो" जैसे नारे गूंजते रहे।
उग्र भीड़ ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया। हालांकि उस वक्त ओली बालुवतार स्थित आधिकारिक प्रधानमंत्री आवास में मौजूद थे। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप इलाके में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास में भी तोड़फोड़ कर आगजनी की। गौरतलब है कि रमेश लेखक ने एक दिन पहले ही सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुई हिंसा के चलते अपने पद से इस्तीफा दिया था।
नेपाल में जनता का विरोध प्रदर्शन जारी
पुलिस की कार्रवाई में अब तक 21 लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल हो चुके हैं। काठमांडू के कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बानेश्वर समेत ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो से भी बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की खबरें हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर सड़कें जाम कर दीं। पुलिस ने कई जगहों पर लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिसमें चार प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हो गए।
प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में अधिकांश संख्या छात्रों की है। "छात्रों को मत मारो", "हम लोकतंत्र वापस लेंगे", जैसे नारे काठमांडू की सड़कों पर गूंज रहे हैं। ललितपुर के सुनाकोठी में प्रदर्शनकारियों ने संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग के आवास को भी निशाना बनाया।