फ्रांस में बड़ा संकट! जेलिफ़िश ने रोका परमाणु पावर प्लांट, जानिए क्या है वजह?

फ्रांस के ग्रावेलिन्स न्यूक्लियर पावर स्टेशन को जेलिफ़िश के झुंड के कारण आंशिक रूप से बंद करना पड़ा। समुद्री जीव फिल्टर में फंस गए जिससे चार रिएक्टरों को रोकना पड़ा। घटना से कोई रेडियोधर्मी खतरा नहीं, लेकिन यह जलवायु परिवर्तन की गंभीर चेतावनी है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 18 August 2025, 2:21 PM IST
google-preferred

New Delhi: कभी आपने सोचा है कि समुद्र में तैरने वाली नर्म, पारदर्शी और देखने में मासूम जेलिफ़िश इतने बड़े संकट की वजह बन सकती हैं कि एक परमाणु पावर प्लांट को बंद करना पड़े? ऐसा ही कुछ हुआ फ्रांस में, जहां यूरोप के सबसे बड़े परमाणु पावर स्टेशनों में से एक ग्रावेलिन्स न्यूक्लियर पावर स्टेशन को जेलिफ़िश के हमले के चलते आंशिक रूप से बंद करना पड़ा।

जेलिफ़िश ने फिल्टर जाम किया, चार रिएक्टर बंद

EDF (Electricite de France) कंपनी, जो इस पावर प्लांट का संचालन करती है, ने जानकारी दी कि रविवार आधी रात के पहले जेलिफ़िश के झुंड ने पंपिंग स्टेशन के फिल्टर ड्रम को जाम कर दिया, जिससे पहले तीन और सोमवार को चौथा रिएक्टर बंद करना पड़ा। ग्रावेलिन्स स्टेशन उत्तरी फ्रांस में स्थित है और यह उत्तर सागर से समुद्री जल खींचकर रिएक्टरों को ठंडा करता है।

सुरक्षा पर नहीं पड़ा कोई असर, लेकिन चिंता बरकरार

EDF ने यह साफ किया कि इससे कोई रेडियोधर्मी खतरा नहीं हुआ और ना ही कर्मचारियों या पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचा है। रिएक्टरों को बंद करना सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा था। अब विशेषज्ञों की टीम इन रिएक्टरों को सुरक्षित रूप से दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि जलवायु परिवर्तन के चलते कैसे प्राकृतिक तंत्र परमाणु संयंत्र जैसे हाईटेक सिस्टम को भी ठप कर सकते हैं।

जेलिफ़िश क्यों बनती हैं खतरा?

परमाणु संयंत्रों में समुद्र का पानी बड़ी मात्रा में रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए खींचा जाता है। आमतौर पर पानी के साथ आने वाले जीव-जंतुओं को स्क्रीन और फिल्टर रोक लेते हैं। लेकिन जब जेलिफ़िश का भारी झुंड एकसाथ आ जाता है, तो वे स्क्रीन को ब्लॉक कर देते हैं। मरी हुई जेलिफ़िश भी द्रव रूप में सिस्टम में प्रवेश कर जाती हैं, जिससे पाइपलाइन और शीतलन प्रणाली में रुकावट आ सकती है।

Jellyfish stop Nuclear Power France

जेलिफ़िश ने रोकी ऊर्जा की रफ्तार

जलवायु परिवर्तन और जेलिफ़िश की बढ़ती आबादी

विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग, ओवरफिशिंग और तटीय विकास ने जेलिफ़िश की संख्या को बेतहाशा बढ़ा दिया है। उत्तर सागर का तापमान अब पहले की तुलना में अधिक है, जिससे जेलिफ़िश के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। ग्रावेलिन्स पावर स्टेशन का गर्म निकासी जल पास के एक फिश फार्म में जाता है, जिससे वहां का तापमान और बढ़ जाता है- यह भी जेलिफ़िश की बढ़ोतरी का एक कारण माना जा रहा है।

यह कोई पहली घटना नहीं

दुनियाभर में परमाणु संयंत्र पहले भी जेलिफ़िश के कारण प्रभावित हो चुके हैं।

2011: इज़राइल, जापान और स्कॉटलैंड में प्लांट बंद करने पड़े।

2013: स्वीडन के ओस्करशाम न्यूक्लियर रिएक्टर को जेलिफ़िश ने पूरी तरह से बंद कर दिया।

इन घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि यह केवल स्थानीय संकट नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है, जिससे निपटने के लिए वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को नया समाधान ढूंढना होगा।

Location :