Bangladesh: शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर जानिए क्यों लगा प्रतिबंध

बांग्लादेश से निर्वासित शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर बैन लगने के बाद बांग्लादेश में सियासी हलचल मच गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 11 May 2025, 3:39 AM IST
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ढाका: बांग्लादेश से रविवार को एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है। मोहम्मद यूनुस सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए यह कदम उठाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह निर्णय उस समय लिया गया जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश में आतंकवाद को खत्म करने के उद्देश्य से कई कड़े कदम उठाने का ऐलान किया। यूनुस सरकार का कहना है कि अवामी लीग आतंकवाद के समर्थन में काम कर रही है और उसकी गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी बैन

बता दें कि बीते पांच अगस्त को उपद्रवियों एवं चरमपंथियों ने बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट कर दिया। हिंसा से बचने के लिए हसीना ने भारत में शरण ली। आठ अगस्त को मो. यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। यूनुस सरकार भारत से कई बार हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुकी है।

जानकारी के अनुसार यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में चल रही सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, ताकि देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा की जा सके।

सरकार ने यह भी कहा कि यह फैसला 2024 के जुलाई में हुए आंदोलन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, यह फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाने वाले शिकायतकर्ताओं और गवाहों की सुरक्षा के लिए भी लिया गया है।

गौरतलब है कि अवामी लीग की स्थापना 1949 में हुई थी। इस पार्टी ने दशकों तक पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बांग्ला भाषियों के अधिकारों के लिए आंदोलन किया। इसके बाद में 1971 के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया। अब इसी पार्टी पर आतंकवाद कानून के तहत कार्रवाई हुई है, जो बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है। लेकिन अब यह देखना होगा कि इस फैसले का बांग्लादेश की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आगे कहा कि यह फैसला देश की सुरक्षा और संप्रभुता बनाए रखने के लिए लिया गया है।

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