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बरसात नहीं झेल पाई नवनिर्मित सड़क: ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत उजागर, पढ़ें पूरी खबर

मैनपुरी के दन्नाहार क्षेत्र में 44 लाख रुपये से बनी सड़क चार महीने में ही टूट गई है। ग्रामीणों ने घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पीडब्ल्यूडी ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
Post Published By: ईशा त्यागी
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बरसात नहीं झेल पाई नवनिर्मित सड़क: ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत उजागर, पढ़ें पूरी खबर

Mainpuri: जनता की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए मैनपुरी जिले के थाना दन्नाहार क्षेत्र के ग्राम चौरासी में बनी 44 लाख रुपये की नवनिर्मित सड़क महज चार महीने में ही जर्जर हो गई। यह सड़क नौनेर से लेकर चौरासी गांव तक बनाई गई थी, जिसे सरकार की स्वीकृति के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग की सीडी-3 योजना के अंतर्गत तैयार किया गया था। लेकिन पहली ही बरसात में यह सड़क टूट-फूट और गड्ढों में तब्दील हो गई।

सिर्फ चार महीने की उम्र वाली सड़क

गौरतलब है कि नौनेर से चौरासी तक की यह सड़क जनवरी 2025 में तैयार हुई थी और मार्च में इसका औपचारिक उद्घाटन हुआ। मात्र चार महीने के भीतर पहली ही बारिश में इसकी बुनियाद की पोल खुल गई। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने निर्माण कार्य में रेती, सीमेंट, तारकोल जैसी मूल सामग्रियों की गुणवत्ता से समझौता किया।

भ्रष्टाचार या लापरवाही?

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का है। लगभग 44 लाख रुपये की लागत से बनी इस सड़क में इस तरह की खामी तभी संभव है जब निर्माण कार्य में कमीशनखोरी और अनियमितता हो। स्थानीय निवासी राजेश यादव ने बताया कि हमने कई बार अधिकारियों को खराब सड़क की शिकायत दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब सड़क इतनी खराब हो गई है कि स्कूल जाने वाले बच्चों और बीमार लोगों को परेशानी हो रही है।


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अधिशासी अभियंता ने दिए जांच के आदेश

मामले के बढ़ते तूल को देखते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता ने सड़क की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए एक टीम भेजी है और जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जांच में ठेकेदार या अन्य किसी कर्मचारी की लापरवाही या भ्रष्टाचार सामने आता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हम जांच कर रहे हैं और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

बरसात नहीं झेल पाई नवनिर्मित सड़क

पीडब्ल्यूडी के अफसरों पर भी सवाल

इस सड़क निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। निर्माण कार्य के समय कोई ठोस निगरानी या तकनीकी निरीक्षण नहीं हुआ। न ही गुणवत्ता की जांच के लिए लेब टेस्टिंग करवाई गई। यह लापरवाही बताती है कि कहीं न कहीं अंदर से मिलीभगत रही होगी।

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