आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़: हर सदस्य संभालता था एक नई जिम्मेदारी, विदेशों से मिलता है फंड

आगरा में पुलिस ने एक बड़े अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें कनाडा, लंदन और अमेरिका से फंडिंग मिलती थी। गिरोह के सदस्य युवतियों को अपने जाल में फंसाकर धर्मांतरण करवाने के लिए उन्हें आकर्षित करते थे। पूछताछ में यह सामने आया है कि गिरोह के विभिन्न सदस्य अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाते थे, जिसमें युवतियों को फंसाना, फंड इकट्ठा करना और कानूनी दांवपेंच से बचाव शामिल था।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 20 July 2025, 3:19 PM IST
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Agra News: आगरा में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ धर्मांतरण की गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि गिरोह विदेशों से फंड जुटाता था, जिसे फिर भारत में धर्मांतरण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। आरोपियों ने युवतियों को धर्म परिवर्तन के लिए कई तरीकों से फंसाया था, जिसमें उन्हें मकान दिलवाना, ब्रेनवॉश करना और कानूनी रूप से उन्हें बांधना शामिल था।

गिरोह के मुख्य सदस्य और उनकी भूमिका

1. आयशा (एसबी कृष्णा) - गोवा निवासी आयशा, जो धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंड इकट्ठा करती थी और गिरोह के सदस्यों को पैसे देती थी।
2. अली हसन उर्फ शेखर राय - कोलकाता के बैरकपुर निवासी अली हसन गिरोह के संपर्कों को प्रबंधित करता था और फंडिंग में मदद करता था।
3. रीत बनिक उर्फ इब्राहिम - धर्मांतरण के लिए लोगों को उकसाता था और आगरा की युवतियों को कोलकाता बुलवाने का काम करता था।
4. ओसामा - धर्मांतरण के लिए कोलकाता में ठहरने और रहने का इंतजाम करता था।
5. रहमान कुरैशी - वह यूट्यूब चैनल पर धर्मांतरण के वीडियो पोस्ट करता था और अन्य युवतियों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था।
6. मोहम्मद अली - राजस्थान में धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार था और पहले एटीएस द्वारा गिरफ्तार हो चुका था।

धर्मांतरण में फंसने वाली युवतियों का मामला

पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र की दो सगी बहनों को बचाया, जो धर्मांतरण के गिरोह के जाल में फंस चुकी थीं। इन दोनों बहनों की तलाश के लिए पुलिस ने सात टीमें बनाई थीं और इनकी सोशल मीडिया जांच के बाद पता चला कि वे कोलकाता में गिरोह के संपर्क में थीं। पुलिस ने उन्हें बरामद किया और गिरोह के दो मुख्य आरोपियों, अली हसन और रीत बनिक, को गिरफ्तार किया।

विदेशों से फंडिंग और अवैध नेटवर्क

आरोपियों की पूछताछ से यह खुलासा हुआ है कि गिरोह को कनाडा, लंदन, और अमेरिका से फंडिंग मिलती थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ये फंड किस खातों में आते थे और किस प्रकार से विदेशी फंड का उपयोग किया जाता था। यह भी संकेत मिले हैं कि गिरोह का तार PFI, SDPI और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से जुड़ा हो सकता है।

आगे की कार्रवाई और गिरफ्तारी

पुलिस ने गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद अन्य सात आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों की वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है और पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्य और उनकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए टीमों का गठन कर रही है। पुलिस के अनुसार अभी और गिरफ्तारी हो सकती है और गिरोह के वित्तीय लेन-देन की जांच भी जारी है।

साइबर सेल की भूमिका और गिरफ्तारी

गिरोह की साइबर गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए पुलिस ने साइबर सेल का सहारा लिया। इंस्टाग्राम पर कनेक्टिंग रिवर्ट नाम की आईडी से इस गिरोह के सदस्य युवतियों से संपर्क कर रहे थे। पुलिस ने इस आईडी से जुड़े सभी प्रोफाइल्स की जांच की और फिर आयशा तक पहुंची।

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