

मैनूपुर में दलित समाज की बेटी की शादी में हंगामा और मारपीट। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई ( सोर्स - रिपोर्टर )
उरई: जिले के कालपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मैनूपुर में दलित समाज की बेटी की शादी उस वक्त हंगामे और हिंसा में बदल गई जब कुछ दबंगों ने शादी समारोह में घुसकर मारपीट, अभद्रता और लूटपाट की वारदात को अंजाम दे डाला। पीड़ित परिवार की शिकायत के बावजूद पुलिस ने अब तक न मुकदमा दर्ज किया है और न ही कोई कार्रवाई की है, जिससे आक्रोशित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पीड़ित पिता सोवरन पुत्र स्व. कालीदीन ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए शिकायती पत्र में बताया कि 26 मई को उसकी पुत्री सरिता की बारात ग्राम नुनसाई थाना कोटरा से आई थी और विवाह कालपी गार्डन में सम्पन्न हो रहा था। रात करीब 11 बजे जब 'टीका' की रस्म चल रही थी, तभी मुहल्ला रावगंज कालपी के रहने वाले आसिफ और आदिल अपने 6-7 साथियों के साथ डंडे और तलवारें लेकर विवाह स्थल पर पहुंच गए।
आरोप है कि आरोपियों ने सरिता को जातिसूचक गालियां देते हुए अचानक मारपीट शुरू कर दी। जब पीड़िता की मां और भाई बीच-बचाव करने आए, तो उनके साथ भी बेरहमी से मारपीट की गई। इस हमले में पीड़ित के पुत्र का पैर टूट गया और अन्य रिश्तेदारों को भी गंभीर चोटें आईं। आरोपियों ने मौके का फायदा उठाकर मानवेन्द्र की जेब से 50 हजार रुपये नकद, सोने की चेन और अंगूठी भी लूट ली।
घटना की जानकारी तत्काल कालपी थाने को दी गई और तहरीर भी सौंपी गई, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण कराया। पीड़ित परिवार ने पुलिस की इस लापरवाही पर नाराजगी जताई है और एसपी से मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित ने कहा कि दबंगों द्वारा जातिगत अभद्रता और हमले की यह घटना सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़ित परिवार आंदोलन करने को मजबूर होगा। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया है। इस घटना ने दलित समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है और पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
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