

खजनी क्षेत्र की होनहार बेटी अंशिका यादव ने हांगकांग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि उत्तर प्रदेश और गोरखपुर जिले का नाम भी विश्व पटल पर रोशन किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद मंगलवार को गोरखपुर में उनका स्वागत एक भव्य उत्सव के रूप में हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यह नजारा गोरखपुर की सड़कों पर उत्साह और गर्व का प्रतीक बन गया।
गोरखपुर की शान बनी अंशिका यादव
Gorakhpur: खजनी क्षेत्र की होनहार बेटी अंशिका यादव ने हांगकांग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि उत्तर प्रदेश और गोरखपुर जिले का नाम भी विश्व पटल पर रोशन किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद मंगलवार को गोरखपुर में उनका स्वागत एक भव्य उत्सव के रूप में हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यह नजारा गोरखपुर की सड़कों पर उत्साह और गर्व का प्रतीक बन गया।
अंशिका अपने कोच श्यामपाल पहलवान और रमाकांत पहलवान के साथ हांगकांग से स्वदेश लौटीं।
जैसे ही वह गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचीं, वहां मौजूद शुभचिंतकों ने फूल-मालाओं और जयकारों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद उनका काफिला उनवल पुल पहुंचा, जहां हजारों की भीड़ ने ‘अंशिका यादव जिंदाबाद’ के नारों के साथ उनका अभिनंदन किया। फूलमालाओं, साल-शॉल और उत्साहपूर्ण नारों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया।
उनवल चौराहे पर अंशिका ने सबसे पहले डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी विनम्रता का परिचय दिया। इसके बाद काफिला भटवली बाजार से होता हुआ गुरु ज्ञान सिंह व्यायामशाला, चतुरबंदूआरी अखाड़े पहुंचा। यहां हनुमान जी की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गईं और एक-दूसरे को बधाइयां दी गईं।
जब अंशिका अपने पैतृक गांव जमौली पहुंचीं, तो वहां जश्न का माहौल था। मां, चाची और दादी ने पारंपरिक तरीके से आरती उतारकर और मिठाइयां खिलाकर उनकी उपलब्धि पर गर्व जताया। ग्रामीणों ने आतिशबाजी के साथ उत्साह का प्रदर्शन किया। स्वागत समारोह में उनके पिता मुरलीधर यादव, बंशीधर यादव, चंद्रपाल पहलवान, संजय यादव, रविन्द्र यादव, आलोक यादव, मिथलेश सभासद, फूलचंद यादव, लालबहादुर यादव, जुगुनू सिंह, दुर्गेश सिंह, रमेश यादव, सत्येंद्र यादव और पूर्व प्रधान भोलू सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
अंशिका ने कहा, “यह जीत मेरे कोच, परिवार और क्षेत्रवासियों के आशीर्वाद का परिणाम है। मैं वादा करती हूं कि मेहनत जारी रखूंगी और देश के लिए और मेडल लाऊंगी।” समारोह का समापन जयकारों, बधाइयों और मिठाइयों के वितरण के साथ हुआ। अंशिका की इस उपलब्धि ने न केवल गोरखपुर, बल्कि पूरे देश में युवाओं को प्रेरित किया है। उनकी मेहनत और लगन ने साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी मंजिल असंभव नहीं है।