2026 को लेकर निवेशकों की रणनीति बननी शुरू हो गई है। मजबूत जीडीपी ग्रोथ, नियंत्रित महंगाई और ब्याज दरों में नरमी की उम्मीद के बीच फाइनेंशियल्स, आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंजम्प्शन जैसे सेक्टरों में टिकाऊ ग्रोथ के संकेत मिल रहे हैं।

ब्याज दरों से लेकर मांग तक (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और इसके साथ ही निवेशकों की निगाहें 2026 की संभावनाओं पर टिक गई हैं। भले ही 2025 में शेयर बाजार का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा हो, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मजबूत जीडीपी ग्रोथ, महंगाई पर नियंत्रण और घरेलू निवेशकों की लगातार भागीदारी ने बाजार को स्थिर बनाए रखा है। अब सवाल यह है कि 2026 में किन सेक्टरों में टिकाऊ ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
मनीकंट्रोल हिंदी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 में भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकती है। जीडीपी ग्रोथ के बेहतर बने रहने और महंगाई के काबू में रहने की उम्मीद है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में नरमी और सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने का अवसर होगा। इसका सीधा फायदा इक्विटी बाजार और चुनिंदा सेक्टरों को मिल सकता है। आइए जानते हैं वे प्रमुख सेक्टर, जिन पर 2026 में निवेशकों की खास नजर रह सकती है।
2026 बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर के लिए नए अवसर लेकर आ सकता है। ब्याज दरों में संभावित कटौती से लोन की मांग बढ़ने की उम्मीद है। मजबूत क्रेडिट ग्रोथ, बेहतर एसेट क्वालिटी और बैलेंस शीट में सुधार इस सेक्टर की बड़ी ताकत मानी जा रही है। खासतौर पर रिटेल लोन, एमएसएमई फाइनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से जुड़े संस्थानों को फायदा मिल सकता है। निवेशकों के लिए यह सेक्टर स्थिर और दीर्घकालिक ग्रोथ का विकल्प बन सकता है।
पिछले दो वर्षों से आईटी सेक्टर में सुस्ती देखने को मिली थी, लेकिन 2026 में इसमें बदलाव के संकेत हैं। वैश्विक स्तर पर कंपनियां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर जोर बढ़ा रही हैं। इससे भारतीय आईटी कंपनियों के लिए नए कॉन्ट्रैक्ट और ग्रोथ के अवसर बन सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी सेक्टर एक नए ग्रोथ साइकल में प्रवेश कर सकता है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और इंफ्रास्ट्रक्चर पुश का असर आने वाले वर्षों में और गहरा हो सकता है। डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, कैपिटल गुड्स और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में क्षमता विस्तार किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़कों, रेलवे, पावर और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में सरकारी निवेश जारी है। ऐसे माहौल में इंजीनियरिंग, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
कंजम्प्शन यानी उपभोग से जुड़े सेक्टर में फिलहाल सबसे ज्यादा मजबूती देखने को मिल रही है। जरूरी सामान से लेकर लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स तक की मांग बनी हुई है। शहरी इलाकों में खर्च की रफ्तार तेज है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इस ट्रेंड का फायदा ऑटोमोबाइल, रिटेल, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) और कंज्यूमर फाइनेंस कंपनियों को मिल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में बाजार में अवसर तो होंगे, लेकिन सही सेक्टर और लंबी अवधि की सोच के साथ निवेश करना जरूरी होगा। मजबूत फंडामेंटल, टिकाऊ ग्रोथ और बैलेंस शीट पर फोकस करना निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है। शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।