New Delhi: केंद्र सरकार 1 नवंबर, 2025 से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लिए नई और आसान रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू करने जा रही है। इस नई प्रक्रिया के तहत नया आवेदन करने वालों को केवल 3 वर्किंग दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन की मंजूरी मिल जाएगी। यह कदम जीएसटी प्रणाली को सरल बनाने और व्यापारियों को समयबद्ध तरीके से सेवाएं देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी आसान और तेज
नई जीएसटी रिफॉर्म के तहत अब रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में मानव हस्तक्षेप कम होगा और इसमें तकनीक आधारित स्वचालित व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत दो प्रकार के आवेदकों को स्वचालित रूप से रजिस्ट्रेशन मिलेगा। पहला, वे आवेदक जिन्हें सिस्टम ने डेटा और जोखिम विश्लेषण के आधार पर चुना है। दूसरा, वे व्यापारी जिनका मासिक टैक्स देय (आउटपुट टैक्स) 2.5 लाख रुपये से कम है। इससे छोटे और मध्यम व्यवसायियों को तेजी से रजिस्ट्रेशन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी और उन्हें लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना नहीं पड़ेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस नई प्रक्रिया को देश के लगभग 96 प्रतिशत नए आवेदकों के लिए लाभकारी बताया। गाजियाबाद में नए केंद्रीय जीएसटी भवन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अब नीति निर्माण के बजाय लोकल स्तर पर नीतियों को सही तरीके से क्रियान्वित करने पर जोर दे रही है। उन्होंने राज्य और केंद्रीय जीएसटी इकाइयों से अनुरोध किया कि वे नई नीतियों के अनुरूप काम करें और उन्हें बिना किसी देरी के लागू करें।
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन को टैक्सपेयर के प्रति सम्मान की भावना रखते हुए काम करना चाहिए और टैक्स चोरी के मामलों में सख्त कदम उठाना चाहिए।
आयकर रिटर्न प्रक्रिया भी होगी सरल
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। इसके लिए स्वचालित रिफंड और जोखिम-आधारित ऑडिट सिस्टम की शुरुआत की गई है। देश भर के जीएसटी सेवा केंद्रों में पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सामान्य नागरिकों को जीएसटी से संबंधित समस्याओं का समाधान आसानी से मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक जीएसटी केंद्र में करदाताओं की मदद के लिए हेल्पडेस्क होना चाहिए।
नई प्रणाली के फायदे
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तेज और आसान होगी।
- छोटे और मध्यम व्यापारियों को फायदा मिलेगा।
- मानव हस्तक्षेप कम होगा और तकनीक आधारित स्वचालित प्रणाली लागू होगी।
- मासिक टैक्स देय 2.5 लाख रुपये से कम वाले व्यवसायियों के लिए तुरंत रजिस्ट्रेशन।
- नए आवेदकों के लिए लगभग 96 प्रतिशत केस में तेजी से अप्रूवल।
- जीएसटी सेवा केंद्रों में हेल्पडेस्क और कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या।
व्यापारियों को अपने काम में भी होगी आसानी
इस नई प्रणाली से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि व्यापारियों को अपने काम में आसानी भी होगी। सरकार की यह पहल व्यापार और निवेश के अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वे करदाताओं को सम्मान दें और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जोखिम-आधारित ऑडिट और स्वचालित रिफंड जैसे कदमों से करदाताओं को तेजी से लाभ मिलेगा।
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नए जीएसटी रिफॉर्म से व्यापारियों को अब लंबे इंतजार और जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना नहीं पड़ेगा। यह प्रणाली तकनीक पर आधारित होने के कारण तेज, पारदर्शी और भरोसेमंद होगी। सरकार की योजना है कि इससे व्यापारियों को समय पर रजिस्ट्रेशन मिले और उनकी कारोबारी गतिविधियों में कोई रुकावट न आए।

