

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता टकराव के कारण आया सोने में उछाल। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
सोने की कीमतों में तेजी ( सोर्स - इंटरनेट )
नई दिल्ली: वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और निवेश बाजार में अनिश्चितता के माहौल के बीच भारत में सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया है। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड 2,011 रुपये की भारी तेजी के साथ 1,00,403 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर ट्रेड करता नजर आया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस अप्रत्याशित तेजी का सबसे बड़ा कारण पश्चिम एशिया में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता टकराव माना जा रहा है। तनाव की इस स्थिति का असर न केवल अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर पड़ा है, बल्कि भारतीय शेयर बाजार भी इसकी चपेट में आ चुका है। बाजार में गिरावट के इस माहौल में सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा हालात में "TINA फैक्टर" प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 'TINA' का अर्थ है – There Is No Alternative यानी "कोई दूसरा विकल्प नहीं"। जब भी वैश्विक स्तर पर अस्थिरता या युद्ध जैसी परिस्थितियां बनती हैं, तो निवेशकों का भरोसा अस्थिर इक्विटी मार्केट की बजाय सुरक्षित निवेश साधनों पर जाता है, जिसमें सोना सबसे ऊपर होता है। युद्ध का असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ - साथ भारतीय शेयर बाजारों पर भी देखने को मिलता है क्योंकि सोना लोगों के लिए ज्यादा भरोसे मंद होता है।
जानकारों के अनुसार, मजबूत हाजिर मांग और सट्टेबाजों द्वारा नए कॉन्ट्रैक्ट की शुरुआत ने वायदा बाजार में सोने की कीमतों को और ज्यादा मजबूती दी है। इसी कारण शुक्रवार को यह तेजी 2,000 रुपये से अधिक पहुंच गई। सोने की इस उछाल के साथ ही यह चर्चा फिर जोर पकड़ रही है कि जब भी दुनिया संकट में होती है, सोना निवेश का सबसे भरोसेमंद माध्यम बन जाता है।
सोने की कीमतों में यह उछाल ऐसे समय आया है जब शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और निवेशक सुरक्षित विकल्प की तलाश में हैं। यदि वैश्विक तनाव और बढ़ता है तो आने वाले दिनों में गोल्ड की कीमतें और ऊंचे स्तर पर जा सकती हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि मौजूदा परिदृश्य में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखें और जोखिम का आकलन करते हुए ही निर्णय लें।