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शादी और फेस्टिव सीज़न में सोने की मांग तेजी पकड़ लेती है, जिससे गोल्ड रेट लगातार ऊपर-नीचे होते रहते हैं। वर्तमान में सोने के दाम अस्थिर हैं, इसलिए सही दिन और समय पर खरीदी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। आईये जानते हैं कि सोना-चांदी खरीदने का सही समय कब होता है।
सोना-चांदी खरीदने का सही समय
New Delhi: फेस्टिव और शादी सीज़न शुरू होते ही गोल्ड मार्केट में रौनक बढ़ जाती है। चेन, हार, अंगूठी हो या मॉडर्न डिजाइन, हर तरह की ज्वेलरी की बिक्री तेजी पकड़ लेती है। यही वजह है कि इन दिनों सोने के दाम आसमान छूने लगते हैं। सिर्फ गोल्ड ही नहीं, बल्कि सिल्वर की खरीदारी भी खूब होती है, जो इस समय लगभग चार हजार रुपये की बढ़त पर चल रही है। निवेशक सिल्वर की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि यह सस्ता होने के साथ-साथ भविष्य में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है।
वर्किंग मार्केट की बात करें तो MCX पर 24 कैरेट गोल्ड की कीमत इस समय 1,26,920 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रही है, जो लगभग 1.13% की तेजी दर्शाती है। दिनभर के उतार-चढ़ाव के दौरान सोना इंट्राडे लो 1,25,510 रुपये और इंट्राडे हाई 1,26,972 रुपये तक पहुंचा। वहीं, इंटरनेशनल मार्केट में सोना 0.95% बढ़कर $4,195 के करीब ट्रेड करता दिखा।
आईये जानते हैं कि सोना खरीदने का सबसे सही समय कब होता है:
ज्वेलर्स और कस्टमर दोनों की पहली पसंद रहती है-स्टेबिल मार्केट। जब सोने के दाम लगातार ऊपर-नीचे हों, तब खरीदना जोखिम भरा माना जाता है। पिछले कुछ महीनों में गोल्ड रेट्स में कई झटके देखने को मिले हैं और लगातार अस्थिरता बनी हुई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अभी भी बाजार में स्थिरता के आसार कम हैं।
यह समय गोल्ड मार्केट के बुल रन के अगले फेज़ का संकेत दे रहा है, यानी सोने का तेजी से स्थिर होना मुश्किल है। इसलिए बेहतर यही है कि खरीदारी से पहले कुछ समय तक मार्केट को ऑब्जर्व किया जाए।
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अधिकांश लोग गोल्ड तभी खरीदना चाहते हैं जब इसके दाम कम चल रहे हों। लेकिन दुनिया भर की जियोपॉलिटिकल स्थितियों ने सोने के फंडामेंटल्स को बेहद मजबूत कर दिया है। रूस-यूक्रेन तनाव, US-वेनेजुएला विवाद, चीन-ताइवान और चीन-जापान की रस्साकशी इन सभी ने सोने की कीमतों में उछाल लाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
सोने का प्राइज (Img: Google)
इसके अलावा फेड चेयर जेरोम पॉवेल को बदले जाने की चर्चा और रेट कटौती की आशंका भी सोने को सपोर्ट दे रही है। अगर फेड रेट घटाता है, तो गोल्ड में भारी उछाल आ सकता है। ट्रंप भी चुनावी बयान में पॉवेल को हटाने और रेट घटाने की बात कह चुके हैं जो सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आने वाले महीनों में सोना 1,20,000 रुपये से 1,40,000 रुपये के बीच ट्रेड कर सकता है।
अगर आप गोल्ड में निवेश कर रहे हैं, तो केवल एक दिन या शुभ मुहूर्त के आधार पर निर्णय न लें। मार्केट को रोज़ाना चेक करें। कई बार कीमतों में थोड़ी गिरावट भी बड़ी बचत करवा देती है। खासकर अस्थिर समय में जल्दबाजी नुकसान की वजह बन सकती है।
भारतीय संस्कृति में सोना शुभता और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि सोने की खरीद में शुभ दिन, नक्षत्र और मुहूर्त की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ज्योतिष के अनुसार, गुरुवार और रविवार सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन माने जाते हैं। इन दिनों में सोना खरीदने से ग्रहों में गुरु और सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जो सौभाग्य और समृद्धि लाते हैं। अक्षय तृतीया, धनतेरस, दीवाली जैसे त्योहारों पर सोना खरीदना तो सदियों से शुभ माना ही जाता है।
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2025 में दीपावली 20 अक्तूबर को थी और उससे दो दिन पहले यानी 18 अक्तूबर को धनतेरस। इन दिनों सोने की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला। लेकिन त्योहार के तुरंत बाद दाम में तेज गिरावट भी देखी गई।
गोल्ड रेट (15-24 अक्टूबर 2025)-
15 अक्टूबर - 1,27,740 रुपये
16 अक्टूबर - 1,30,005 रुपये
17 अक्टूबर - 1,32,294 रुपये
20 अक्टूबर - 1,30,749 रुपये
22-24 अक्टूबर - 1,24,239 रुपये तक गिरावट
यह दिखाता है कि फेस्टिव पीक के बाद मार्केट अक्सर करेक्शन लेता है।
कई कारणों से विशेषज्ञों का मानना है कि वेडिंग सीज़न और जियो-पॉलिटिकल टेंशन के चलते आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर दोनों ही महंगे हो सकते हैं। फेस्टिव सीज़न में जब सोना अपने पीक पर था, तो यह संभावना और बढ़ जाती है कि वेडिंग सीज़न में इसकी कीमतों में फिर तेजी देखने को मिले।
ऐसे हालात में जरूरी है कि आप गोल्ड मार्केट को क्लोज़ली ऑब्जर्व करें, क्योंकि कोई सोमवार को शुभ मानता है तो कोई गुरुवार को, लेकिन भारतीय संस्कृति और निवेश की समझ, दोनों यही कहते हैं कि सोना तभी खरीदें जब कीमतें स्थिर हों या सही मौके पर हों।
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सोना और चांदी सदियों से सुरक्षित निवेश (सेफ हेवेन एसेट) के रूप में देखे जाते रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितता हो या महंगाई का बढ़ता दबाव, निवेशक अक्सर कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं। भारत में तो त्योहारों और शादियों के मौसम में सोना-चांदी की मांग और तेज़ हो जाती है।
चांदी की कीमत (Img: Google)
ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि खरीदारी से पहले सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है, ताकि निवेश सुरक्षित और फायदेमंद साबित हो सके। यहां हम ला रहे हैं सोना और चांदी खरीदने से पहले ध्यान रखने लायक टॉप टिप्स, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं-
विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतर लोग बिना योजना बनाए सोना-चांदी खरीद लेते हैं। यह सबसे आम गलती है। निवेश से पहले यह तय करना जरूरी है कि आपका उद्देश्य क्या है, लंबी अवधि का निवेश, शादी-ब्याह के लिए खरीदारी या पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना। स्पष्ट लक्ष्य आपको सही मात्रा और सही प्रकार का मेटल खरीदने में मदद करता है।
कीमती धातुओं को खरीदने के कई विकल्प हैं, ज्वेलरी, कॉइन, बार, डिजिटल गोल्ड या ETF। ज्वेलरी में मेकिंग चार्ज और वेस्टेज होने से यह शुद्ध निवेश नहीं माना जाता। वहीं कॉइन और बार में यह लागत कम होती है। अगर आप आसान और सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी बेहतर विकल्प हैं।
सोना और चांदी की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, इसमें शामिल हैं- वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरें और भू-राजनीतिक तनाव। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खरीदारी से पहले कीमतों के ट्रेंड को समझें और सही समय का इंतजार करें।
इन धातुओं में निवेश हमेशा समझदारी से किया जाना चाहिए। पहले यह तय करें कि अपनी आय का कितना हिस्सा आप इस निवेश के लिए सुरक्षित रूप से निकाल सकते हैं। सोना-चांदी महंगी धातुएं हैं, इसलिए जल्दबाजी में ज्यादा निवेश न करें।
बाजार में कई दुकानदार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। लेकिन निवेशक उन्हीं विक्रेताओं से खरीदारी करें जिनकी विश्वसनीयता और सर्विस का रिकॉर्ड अच्छा हो। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है और भविष्य में बेचने पर बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ती है।
बाजार में नकली सोने और चांदी के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए BIS हॉलमार्किंग, कैरेट और शुद्धता के निशान अवश्य जांचें। प्रमाणित धातु ही दोबारा बेचने पर अच्छा रिटर्न देती है।
सरकार द्वारा घर में सोना रखने की सीमा और बढ़ते अपराध को देखते हुए, लॉकर या बैंक स्टोरेज चुनना सुरक्षित विकल्प है। खरीदारी से पहले स्टोरेज की लागत और सुरक्षा दोनों पर विचार करें।
इन सभी टिप्स को ध्यान में रखकर किया गया निवेश न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि लंबे समय में बेहतर रिटर्न भी दे सकता है।
डिस्केलमर: यहां दी गई जानकारी तथ्यों के आधार पर बनाई गई है। डाइनामाइट न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता। कृपया यहां दी गई जानकारी का लाभ उठाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें, वरना आपको वृत्ति जोखम उठाना पड़ सकता है।