

9 सितंबर को सराफा बाजारों में सोने की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं चांदी की दर में 1,000रु की गिरावट दर्ज की गई है। जानिए आज के 22 और 24 कैरेट सोने और चांदी के ताज़ा रेट्स।
जानें 9 सितंबर का सराफा बाजार अपडेट
New Delhi: सराफा बाजारों में 9 सितंबर 2025 को सोने के दाम जहां स्थिर बने हुए हैं, वहीं चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिली है। यह उतार-चढ़ाव देशभर में अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल और मुद्रा विनिमय दरों से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसका सीधा असर स्थानीय ग्राहकों और निवेशकों पर पड़ रहा है। सोने-चांदी की खरीदारी करने से पहले सही और अपडेटेड रेट जानना बेहद जरूरी होता है, खासकर त्योहारी सीज़न या निवेश के लिहाज से कोई योजना बना रहे हैं तो। आइए जानते हैं सराफा बाजारों में आज के सोने और चांदी के ताज़ा भाव क्या हैं।
9 सितंबर को मध्य प्रदेश में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
22 कैरेट सोना
• 1 ग्राम: 9,999.99रु
• 8 ग्राम: 79,999.92रु
• 10 ग्राम: 99,999.90रु
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24 कैरेट सोना
• 1 ग्राम: 10,500रु
• 8 ग्राम: 84,000रु
• 10 ग्राम: 1,05,000रु
ये वही दरें हैं जो 8 सितंबर यानी सोमवार को भी लागू थीं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सोना फिलहाल मूल्य स्थिरता के चरण में है, जिससे ग्राहकों के पास कीमत बढ़ने से पहले खरीदारी का अच्छा मौका है।
जानें 9 सितंबर का सराफा बाजार अपडेट
मध्य प्रदेश में चांदी के खरीदारों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। जहां सोना स्थिर रहा, वहीं चांदी के दामों में ₹1,000 की गिरावट दर्ज की गई है।
• 1 किलो चांदी (9 सितंबर): 1,37,000रु
• 1 किलो चांदी (8 सितंबर): 1,38,000रु
यानि अब ग्राहक एक किलो चांदी 1,000रु सस्ती खरीद सकते हैं। हालांकि चांदी की कीमतें वैश्विक बाजारों में तेजी से बदलती हैं, इसलिए संभावित खरीदारों को अलर्ट रहने की ज़रूरत है।
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त्योहारी मौसम और शादियों का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे सोने-चांदी की मांग बढ़ने की संभावना भी बन रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें अगर लगातार स्थिर बनी रहती हैं, तो यह निवेश और गहनों की खरीदारी दोनों के लिए आदर्श समय है। चांदी में गिरावट अस्थायी हो सकती है। यह धातु औद्योगिक मांग के चलते जल्दी उछल सकती है।
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की दरें
2. रुपया बनाम डॉलर की विनिमय दर
3. सरकारी आयात शुल्क और GST
4. स्थानीय मांग और त्योहारी सीजन का प्रभाव