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क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट जारी है और वैल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर 2.88 ट्रिलियन पर पहुंच गई है। निवेशकों के करीब 100 लाख करोड़ रुपये डूब गए। वैश्विक अनिश्चितता, फेड दरों पर संशय और बड़े निवेशकों की बिकवाली से बिटकॉइन 90,000 डॉलर के नीचे फिसला।
क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट (Img source: Google)
New Delhi: दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी मार्केट पिछले कुछ दिनों से अप्रत्याशित गिरावट का सामना कर रहा है। निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये इस गिरावट में स्वाहा हो चुके हैं। वैश्विक क्रिप्टो ट्रैकिंग वेबसाइट्स के मुताबिक, मार्केट की कुल वैल्यू में अक्टूबर से अब तक तेज गिरावट आई है। यह लगातार गिरती भावना निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता को उजागर कर रही है।
CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू जहां पहले लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर के करीब थी, वह अब घटकर 2.88 ट्रिलियन डॉलर रह गई है। यह गिरावट भारतीय रुपये में करीब 100 लाख करोड़ के नुकसान के बराबर बैठती है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इस भारी गिरावट की वजह क्या है?
क्रिप्टो मार्केट में भारी बिकवाली के पीछे कई महत्वपूर्ण वैश्विक कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
1. फेडरल रिजर्व की दरों पर अनिश्चितता
अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना अब कमजोर हो गई है। निवेशक मान रहे हैं कि महंगाई और आर्थिक आंकड़े फेड को दरें स्थिर रखने या बढ़ाने की ओर धकेल सकते हैं।
क्रिप्टो मार्केट में सबसे बड़ी गिरावट (img source: CoinMarketCap)
2. Fear & Greed Index 11 पर
फियर एंड ग्रीड इंडेक्स का 11 तक गिरना दर्शाता है कि मार्केट में अत्यधिक डर का माहौल बना हुआ है। जब यह इंडेक्स न्यूनतम पर पहुंचता है, तब निवेशक नई पूंजी लगाने से बचते हैं और भारी बिकवाली बढ़ जाती है।
3. बड़े निवेशकों की बिकवाली
बिटकॉइन के सबसे बड़े शुरुआती निवेशकों में से एक ओवेन गुंडेन ने
21 अक्टूबर 2025 के बाद से 11,000 बिटकॉइन बेच दिए,
जिसकी कुल कीमत लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये थी।
इतनी बड़ी मात्रा में बिटकॉइन सेल होने से मार्केट पर भारी दबाव पड़ा और सेंटिमेंट और बिगड़ गया।
दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत भी तेज रफ्तार से नीचे आ रही है।
कुछ ही दिनों पहले बिटकॉइन 7 महीने के उच्च स्तर 90,000 डॉलर पर था लेकिन अब यह लगातार इस मार्क को नीचे से छू रहा है और रिकवरी के संकेत फिलहाल कमजोर हैं। इस गिरावट ने निवेशकों को बड़े वित्तीय नुकसान में धकेल दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अर्थव्यवस्था की दिशा, फेड की नीति और बड़े निवेशकों का व्यवहार आने वाले हफ्तों में क्रिप्टो बाजार की चाल तय करेगा। फिलहाल बाजार में भय का माहौल है और नए निवेशकों को जोखिम का आकलन करके ही निर्णय लेने की सलाह दी गई है।