

भारत में भले ही कृषि आय पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन किसानों के लिए ITR फाइल करना कई मायनों में फायदेमंद है। यह न सिर्फ उनके भविष्य की योजनाओं को आसान बनाता है, बल्कि लोन, बीमा और सब्सिडी जैसी सुविधाओं के लिए मजबूत दस्तावेज़ भी बनता है। जानिए कैसे और क्यों किसान ITR जरूर भरें।
आईटीआर (सोर्स-गूगल)
New Delhi: भारत में कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि किसानों को आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं पड़ती। जैसे-जैसे आधुनिक किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य कृषि-आधारित व्यवसायों में शामिल हो रहे हैं, वैसे-वैसे ITR की उपयोगिता भी बढ़ती जा रही है।
ITR फाइल करने से किसानों को क्या फायदे होते हैं?
बैंक लोन में आसानी
अगर आप ट्रैक्टर, कोल्ड स्टोरेज या हाइड्रोपोनिक तकनीक के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो बैंक आपसे आय का प्रमाण मांग सकता है। ITR एक विश्वसनीय दस्तावेज़ होता है जो आपकी वित्तीय स्थिति को प्रमाणित करता है।
सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लिए जरूरी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना या किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कई बार आय का प्रमाण देना जरूरी होता है। ITR आपके लिए यह रास्ता आसान बना देता है।
बिजनेस विस्तार और निवेश में सहायक
अगर आप डेयरी, पोल्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, एग्री-टेक या शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो आपकी आय कर दायरे में आ सकती है। ऐसे में ITR फाइल करना अनिवार्य हो जाता है।
कानूनी सुरक्षा
भविष्य में यदि कोई टैक्स जांच, बीमा क्लेम या संपत्ति विवाद की स्थिति आती है, तो ITR एक मजबूत कानूनी दस्तावेज़ साबित हो सकता है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
संपत्ति खरीद-बिक्री में सहायक
जब किसान कोई कृषि भूमि, फार्म हाउस या अन्य संपत्ति खरीदते या बेचते हैं, तो ITR आपकी इनकम का प्रमाण बन सकता है।
ITR फाइल करने से जुड़ी जरूरी बातें
यदि आपकी कुल गैर-कृषि आय ₹2.5 लाख से अधिक है (60 वर्ष से कम आयु के लिए), तो आपको ITR फाइल करना जरूरी हो जाता है।
कृषि से जुड़ी आय को ITR के Schedule EI (Exempt Income) में दिखाना होता है।
कृषि से अतिरिक्त आय जैसे एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट, पोल्ट्री फार्मिंग, एग्री टूरिज्म आदि से होने वाली कमाई टैक्सेबल हो सकती है।
आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। सीबीडीटी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि करदाताओं के लिए एक सुचारू और सुविधाजनक फाइलिंग अनुभव की सुविधा के लिए अंतिम तिथि बढ़ाई गई है।