Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन में कांग्रेस ने अपनी भूमिका को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी शुरू कर दी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस इस बार कुछ सीटों को छोड़ने को तैयार दिख रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 10 से 15 सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ सकती है। ऐसे में कांग्रेस की सीट संख्या 55 से 60 के बीच रह सकती है।
आलाकमान ने दिया बिहार प्रभारी को फ्री हैंड
दिल्ली में हुई एक अहम बैठक के बाद कांग्रेस आलाकमान ने बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है। वे सीट शेयरिंग और रणनीति क्रियान्वयन में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे में संतुलन जरूरी है और नए सहयोगियों को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।
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50 से कम सीटें मिलीं तो कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव?
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ हुई चर्चाओं में यह बात सामने आई कि कांग्रेस 50 से कम सीटों पर समझौता नहीं करना चाहती। यदि इतनी सीटें नहीं मिलीं, तो पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के विकल्प पर भी विचार कर सकती है। कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और ‘नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा’ जैसी गतिविधियों ने पार्टी को ग्राउंड पर मजबूती दी है।
उम्मीदवार चयन प्रक्रिया शुरू, 14 से नामांकन प्रस्ताव
चुनाव को लेकर कांग्रेस ने संगठन स्तर पर भी तैयारियां तेज कर दी हैं। सभी प्रखंड और जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 14 सितंबर तक संभावित उम्मीदवारों के नाम भेज दें। इसके बाद 16 सितंबर को चुनाव समिति की बैठक होगी और 19 सितंबर से स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवार चयन का कार्य शुरू करेगी।
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बिना सीएम फेस के चुनाव मैदान में उतरेगी कांग्रेस
सीएम चेहरे को लेकर कांग्रेस ने फिर साफ कर दिया है कि वह बिना चेहरे के ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी मानती है कि तेजस्वी यादव के खिलाफ मामलों और उनकी सामाजिक छवि के कारण गैर-यादव ओबीसी और सवर्ण वोट प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में चुनाव बाद विधायक ही सीएम चुनेंगे। यह रणनीति इंडिया गठबंधन के लोकसभा चुनाव के मॉडल पर आधारित होगी।

