

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां इसी कड़ी में बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। राज्य में आगामी अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
बिहार चुनाव से पहले प्रशांत किशोर का बड़ा दावा (सोर्स इंटरनेट)
Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां इसी कड़ी में बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। राज्य में आगामी अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने एक बड़ा बयान देकर सबका ध्यान खींचा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, प्रशांत किशोर का मानना है कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है, और एनडीए को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि, "बिहार को नवंबर में नया मुख्यमंत्री मिलेगा और यह बात आप लिखकर रख लीजिए।"
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) को लेकर भी बड़ी भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जेडीयू 25 सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाएगी, और यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हैं। उनका कहना है कि बिहार की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी अब बदलाव चाहती है और यही कारण है कि इस बार NDA की सरकार नहीं बनेगी।
प्रशांत किशोर का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में NDA को जो बढ़त मिली, वह जनता के समर्थन से कम और लालू यादव के डर की वजह से अधिक थी। उनका कहना है कि बिहार के कई मतदाता बीजेपी और जेडीयू को सिर्फ इस डर से वोट देते हैं कि कहीं लालू यादव की पार्टी RJD फिर से सत्ता में न आ जाए। PK ने स्पष्ट कहा कि "बिहार की जनता पिछले 30-35 सालों से एक ही तरह की राजनीति देख रही है, अब उन्हें बदलाव चाहिए।"
बिहार विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी गठबंधन को कम से कम 120 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन प्रशांत किशोर का कहना है कि बीजेपी इस बार सिर्फ 100 सीटों पर फोकस कर रही है, जो बहुमत से काफी पीछे है। उनके अनुसार, राज्य में एक बड़ा परिवर्तन आने वाला है, और विधानसभा चुनाव 2025 में जनता विकास और नेतृत्व में नई दिशा की ओर कदम उठाएगी।
बिहार की राजनीति में यह पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर ने इतनी आत्मविश्वास से भविष्यवाणी की हो। इससे पहले भी उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की जीत का दावा किया था, जो पूरी तरह सही साबित हुआ। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या बिहार की जनता सच में नए नेतृत्व की तलाश में है, या फिर एक बार फिर पुराने समीकरणों को दोहराया जाएगा।