प्रकाश सिंह LIVE: तो यह है नक्सल समस्या का हल..

जब से छत्तीसगढ़ सुकमा में देश के 25 साहसी जवान वीरगति को प्राप्त हुये हैं, तभी से यह बहस छिड़ी है कि आखिरकार नक्सलियों का इलाज क्या है? कैसे नासूर बनी इस समस्या से निपटा जा सकता है? इस बारे में सेवानिवृत्त आइपीएस प्रकाश सिंह से डाइनामाइट न्यूज ने एक्सक्लूसिव बातचीत की।

Updated : 4 May 2017, 6:43 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: प्रकाश सिंह देश के चुनिंदा ऐसे आफिसर हैं जिनकी क्षमताओं का कोई जवाब नही। ये देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से लेकर आतंक की चपेट में बुरी तरह घिरे रहे असम राज्य के पुलिस प्रमुख रह चुके हैं। यही नही ये देश की शान कही जाने वाली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के भी महानिदेशक रह चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ को दिये इंटरव्यू में इन्होंने कहा कि नक्सलवाद 50 सालों से आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। नक्सलवाद जैसी समस्या राज्य की समस्या नहीं बल्कि राष्ट्रीय समस्या बन गई है। इससे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए। आज ये समस्या 9-10 राज्यों में फैली हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र की तरफ से स्पष्ट नीति-निर्देश होने चाहिए।

नक्सलवाद की समस्या को कम करने के लिए सेंट्रल फोर्स और राज्य की पुलिस दोनों को मिल कर सोचना चाहिए। सिंह का मानना है कि सेंट्रल फोर्स और राज्य की पुलिस के बीच में तालमेल की कमी है, जिसके कारण ज्यादातर सेंट्रल फोर्स के जवान शहीद होते हैं। इससे निजात के लिए राज्य की पुलिस को अग्रणी भूमिका में हो और केंद्रीय बल सहायता में हो।

आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी सभी प्रदेशों की ये मानसिकता हो गई है कि नक्सलवाद केंद्र की लड़ाई है और केंद्रीय बल ही इस लड़ाई से लड़े, जो ठीक नही है। इसके लिए राज्य पुलिस को सशक्त करना पड़ेगा। साथ ही फोर्स के लिए बेहतर हथियार, प्रशिक्षण और नेतृत्व का होना जरूरी है।

प्रकाश सिंह ने कहा नक्सलवाद की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन पांच बातों को अमल में लाना बेहद जरुरी है-

1. नक्सलवाद से छुटकारा पाने के लिए एक सुनियोजित अभियान चलाना चाहिए, जिससे माओवादियों की मारक शक्ति कम हो सके

2. मारक शक्ति कम होने के बाद माओवादियों को पीस-टॉक के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए

3. राज्य पुलिस का सशक्तिकरण होना आवश्यक है

4. इंटेलिजेन्स में सुधार करना होगा

5. नक्सलवाद को खत्म करने के लिए जनता का सहयोग बेहद आवश्यक है

Published : 

No related posts found.