पीएम मोदी की रणनीति सफल, भारत-चीन साथ मिलकर चलने को तैयार

विभिन्न कारणों से ठंडे पड़े भारत-चीन के रिश्तों को फिर पटरी पर लाने में ब्रिक्स सम्मेलन-2017 काफी महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री मोदी की कामयाब रणनीति से दोनो देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 September 2017, 4:49 PM IST
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शियामिन (चीन):  ब्रिक्स सम्मेलन-2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता काफी सफल रही। वार्ता शुरू होने से पहले मोदी और जिनपिंग बड़ी गर्मजोशी से मिले और दोनो नेताओं ने दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में सीमा वाले इलाकों में शांति स्थापित करने पर चर्चा की। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि बदलते दौर में एक साथ मिलकर चलना जरूरी है।

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गर्मजोशी से मिले मोदी और जिनपिंग

पंचशील सिद्धांतों के तहत आगे बढ़ेंगे दोनो देश

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि मतभदों को कभी विवाद नहीं बनने देंगे। भारत के इस बयान से साफ हो गया कि पंचशील सिद्धांतों के तहत ही चीन और भारत को आगे बढ़ने की जरुरत है। विदेश सचिव  ने बताया कि जिनपिंग और मोदी के बीच करीब 1 घंटे से ज्‍यादा देर तक बातचीत हुई। डोकलाम विवाद के बाद इस पहली मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी।

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विदेश सचिव एस जयशंकर

बॉर्डर पर शांति बनाने की सहमति

विदेश सचिव एस जयशंकर के मुताबिक दोनों देश बॉर्डर पर शांति बनाने के लिए सहमत हैं। आपसी भरोसा बढ़ाने पर बात हुई। विवादों को दोनों देश बातचीत के जरिए मुद्दे सुलझाएंगे, इस पर भी सहमति बनी है। ब्रिक्‍स को और प्रासंगिक बनाने को लेकर भी मोदी और जिनपिंग में बातचीत हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की सफलता के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बधाई दी और कहा कि ब्रिक्स को प्रासंगिक बनाने में यह शिखर सम्मेलन बेहद सफल हुआ है। वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और भारत प्रमुख पड़ोसी हैं, दोनों विकासशील और उभरते देश हैं। जिनपिंग ने कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर पंचशील के सिद्धांत के तहत काम करने के लिए तैयार है। चीन-भारत के स्वस्थ और स्थिर संबंध दोनों देशों के लोगों के हितों की पूर्ति करने में सहायक व जरूरी हैं। 

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अगला ब्रिक्स सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में

शियामिन में ब्रिक्स सम्मेलन-2017 के समापन की औपचारिक घोषणा हो चुकी है। अगले साल ब्रिक्स सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में आयोजित करने की घोषणा की गई। ब्रिक्स सम्मेलन पर देश और दुनिया की नजर इस बात पर टिकी थी कि भारत और चीन के बीच बातचीत का एजेंडा क्या होगा। ब्रिक्स के घोषणापत्र में लश्कर और जैश संगठनों का जिक्र होना भारत के लिए अहम कामयाबी मानी गई। 

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