सुबह 7 बजे स्कूल, रात 8 बजे घर… चीन की सिंडी की बोरिंग पढ़ाई का Video Viral

चीन के सख्त एजुकेशन सिस्टम पर एक पिता के वायरल वीडियो ने सवाल खड़े कर दिए हैं। 13 साल की छात्रा रोज 14 घंटे स्कूल और रात तक होमवर्क करती है। वीडियो ने बच्चों पर बढ़ते मानसिक दबाव और बचपन छिनने की चिंता को उजागर किया है।

Post Published By: ईशा त्यागी
Updated : 24 December 2025, 3:46 PM IST

New Delhi: चीन का एजुकेशन सिस्टम लंबे समय से दुनिया के सबसे सख्त और अत्यधिक प्रतियोगी सिस्टम्स में गिना जाता रहा है। यहां बच्चों से कम उम्र से ही बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है। हाल ही में एक पिता द्वारा साझा किया गया वीडियो इस सिस्टम की हकीकत को एक बार फिर दुनिया के सामने ले आया है, जिसे देखकर लाखों लोग हैरान और चिंतित हैं।

वीडियो में क्या है ?

यह वीडियो 13 साल की एक चीनी छात्रा सिंडी की रोजमर्रा की जिंदगी को दिखाता है। वीडियो शेयर करने वाले पिता का नाम रे लियू है, जिन्होंने बताया कि उनकी बेटी का पूरा दिन किस तरह पढ़ाई और दबाव में गुजरता है। सिंडी रोजाना सुबह करीब 7 बजे घर से स्कूल के लिए निकलती है और रात साढ़े 8 बजे के आसपास वापस लौटती है। यानी वह लगभग 14 घंटे स्कूल परिसर में ही बिताती है।

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बच्चों को नहीं मिलता आराम करने का मौका

इतना लंबा समय स्कूल में रहने के बावजूद, उसे न तो ढंग से आराम करने का मौका मिलता है और न ही ठीक से भोजन करने का समय। पिता के अनुसार, स्कूल के दौरान भी पढ़ाई और सेल्फ स्टडी का दबाव इतना ज्यादा होता है कि बच्चे आराम से खाना तक नहीं खा पाते। स्कूल खत्म होने के बाद भी सिंडी की पढ़ाई समाप्त नहीं होती।

दो घंटे करना पड़ता है होमवर्क

घर लौटते ही होमवर्क का सिलसिला शुरू हो जाता है। रे लियू बताते हैं कि सिंडी को रोजाना करीब डेढ़ से दो घंटे तक होमवर्क करना पड़ता है। कई बार यह पढ़ाई आधी रात तक खिंच जाती है। ऐसे में उसके पास न तो अपनी पसंद की गतिविधियों के लिए समय बचता है और न ही शारीरिक या मानसिक आराम का।

अतिरिक्त क्लासेस भी होती है

वीकेंड भी बच्चों के लिए राहत नहीं बन पाते। कई बार तो शनिवार और रविवार को अतिरिक्त क्लासेस, टेस्ट या असाइनमेंट्स की वजह से पढ़ाई का बोझ और बढ़ जाता है। पिता का कहना है कि उनकी बेटी के पास खेलने, दोस्तों से मिलने या सामान्य बचपन जीने का समय तक नहीं है।

वीडियो तेजी से वायरल

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इंस्टाग्राम पर इसे sparkray7 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे लाखों लोग देख चुके हैंवीडियो के सामने आने के बाद दुनियाभर के यूजर्स ने बच्चों पर बढ़ते पढ़ाई के दबाव को लेकर चिंता जताई है

लोगों की प्रतिक्रिया

कई लोगों का कहना है कि इतनी कम उम्र में बच्चों पर इतना मानसिक दबाव डालना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। यूजर्स ने सवाल उठाए कि क्या अच्छे रिजल्ट और करियर की दौड़ में बच्चों का बचपन छीना जा रहा है।

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देर शाम तक चलती है क्लासेस

दरअसल, चीन में प्राइमरी स्कूल का समय आमतौर पर दोपहर तक सीमित होता है, लेकिन मिडिल और हाई स्कूल स्तर पर हालात काफी बदल जाते हैं। कई स्कूलों में सुबह से लेकर देर शाम या रात तक क्लासेस, सेल्फ स्टडी और टेस्ट चलते रहते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं और टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिले का दबाव बच्चों पर शुरू से ही बना रहता है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 24 December 2025, 3:46 PM IST