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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक हरकत को लेकर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी भड़क गए। उन्होंने हिजाब को धार्मिक अधिकार बताते हुए कहा कि हिजाब खींचना शर्मनाक है और मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक घटना को लेकर सियासी और धार्मिक हलकों में विवाद गहरा गया है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं का धार्मिक अधिकार है और उसे छूने या खींचने का अधिकार किसी को नहीं है।
मौलाना सुफियान निजामी ने बयान जारी कर कहा कि जो घटना सामने आई है, वह बेहद शर्मनाक है और किसी भी सभ्य समाज में इसकी कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की हरकतें समाज में गलत संदेश देती हैं और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर नागरिक को अपने धर्म और परंपराओं का पालन करने का अधिकार है। हिजाब को लेकर बार-बार विवाद खड़ा करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाता है। मौलाना निजामी ने साफ शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की उम्मीद की जाती है। अगर उनसे कोई गलती हुई है तो उन्हें सामने आकर माफी मांगनी चाहिए, ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए।
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग शुरू कर दी है। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने हिजाब को धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़ते हुए मौलाना के बयान का समर्थन किया है। फिलहाल यह मुद्दा सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में इस पर सियासत और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।