Nainital: मंगलवार को रामनगर के कई ग्रामीण इलाकों में जिला विकास प्राधिकरण (ZDA) लागू किए जाने के विरोध में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में विकास खंड के जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया।
प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर ग्रामीण इलाकों में लागू किए गए प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग की।
आरोप: प्राधिकरण में भ्रष्टाचार
संजय नेगी ने आरोप लगाया कि रामनगर विधानसभा के 25 ग्रामीण क्षेत्रों में प्राधिकरण लागू होने से जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। उन्होंने कहा, अधिकारी और कर्मचारी जनता से खुलेआम अवैध वसूली कर रहे हैं। कई गांव पहले ही हलपत्ति क्षेत्र में हैं, जिससे लोगों को जमीन पर लोन या 143 जैसी सुविधा नहीं मिल रही।
संपर्क प्रयास पर कोई जवाब नहीं
संजय नेगी ने बताया कि उन्होंने कई बार प्राधिकरण के जेई से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कभी फोन नहीं उठाया गया। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह ग्रामीण जनता के साथ अत्याचार और उत्पीड़न का उदाहरण है।
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ज्ञापन और मांगे
संजय नेगी और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में मांग की-
1. ग्रामीण इलाकों में जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए।
2. प्राधिकरण में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
रामनगर के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने जिला विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना दिया। ग्रामीण इलाकों में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के विरोध में नारेबाजी, ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया। #RamnagarProtest #SanjayNegi #Uttarakhand pic.twitter.com/u8ikTCJAFt
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 11, 2025
संजय नेगी का बयान
रामनगर में 25 ग्रामीण इलाकों में प्राधिकरण लागू होने से जनता उत्पीड़न का शिकार हो रही है। अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जनता से अवैध वसूली कर रहे हैं। यदि इसे समाप्त नहीं किया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।
संजय नेगी ने जोर देकर कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ न्याय और पारदर्शिता लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण जनता को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।
ग्रामीणों की परेशानियां
ग्रामीण इलाकों में प्राधिकरण लागू होने से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जमीन पर लोन और 143 जैसी सरकारी सुविधा नहीं मिल रही। निर्माण कार्य करने पर हजारों रुपए की वसूली और मकानों को सील किया जाना। प्रशासन के अधिकारियों की सुनवाई नहीं होना। इन सब कारणों से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और वे सिंहासन और न्यायिक उपायों की मांग कर रहे हैं।
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आगामी कदम
संजय नेगी ने चेतावनी दी कि यदि प्राधिकरण को ग्रामीण इलाकों से हटाया नहीं गया, तो ग्रामीण इलाकों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्राधिकरण में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से संयम बनाए रखने की अपील की, लेकिन अपने हक के लिए जागरूक और सक्रिय रहने का संदेश भी दिया।

