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रुद्रप्रयाग से चमोली तक मानसून का कहर, ग्रामीण इलाकों में संकट, अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल

उत्तराखंड में हो रही भारी मानसूनी बारिश से रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है, रास्ते बंद हैं, और ग्रामीण इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं।
Post Published By: Tanya Chand
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रुद्रप्रयाग से चमोली तक मानसून का कहर, ग्रामीण इलाकों में संकट, अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल

Rudraprayag: उत्तराखंड में जारी मानसून की बारिश ने एक बार फिर से आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में नदियां उफान पर हैं, वहीं पहाड़ियों के दरकने और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

काकड़ा गाड़ में बंद पड़ा रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग 109 पर काकड़ा गाड़ के पास पहाड़ी से लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं। इससे मार्ग अवरुद्ध हो गया है और यातायात पूरी तरह बंद है। पहाड़ी की स्थिति इतनी नाजुक है कि कभी भी बड़ा पत्थर गिर सकता है, जिससे जानमाल का खतरा बना हुआ है।

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स्थानीय प्रशासन ने लोगों को इस मार्ग से न गुजरने की अपील की है, लेकिन क्षेत्रीय लोगों और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चारधाम यात्रा के इस प्रमुख मार्ग पर बार-बार रुकावट से पर्यटन और तीर्थ यात्रियों को भी परेशानी हो रही है।

अलकनंदा का जलस्तर फिर खतरे के निशान पर

रुद्रप्रयाग में बहने वाली अलकनंदा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। नदी किनारे बसे गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है। कई स्थानों पर पैदल पुल पानी में डूब चुके हैं, जिससे लोगों का आना-जाना पूरी तरह ठप हो गया है।

चमोली जोशीमठ घाटी में पुल क्षतिग्रस्त, संपर्क टूटा

चमोली जिले के जोशीमठ घाटी क्षेत्र में भी एक पुल भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण से वैकल्पिक मार्ग नहीं बचा है और आवागमन पूरी तरह बंद है। नदी का जलस्तर यहां भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। लोगों को जरूरी सेवाओं और दवाओं की आपूर्ति में बाधा आ रही है। गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने तक के साधन उपलब्ध नहीं हैं।

गांवों में फंसे लोग, न सड़कें बची, न रास्ते

बरसात के कारण कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। सड़कें या तो मलबे से ढकी हैं या बह चुकी हैं। कई गांवों में तो पैदल रास्ते भी खतरे में हैं या पूरी तरह गायब हो चुके हैं। इस कारण गंभीर रोगियों और गर्भवती महिलाओं को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की पहुंच अब तक कई इलाकों तक नहीं हो सकी है।

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मौसम विभाग की चेतावनी, अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे उत्तराखंड के लिए अत्यंत संवेदनशील हो सकते हैं। भारी बारिश के साथ आंधी और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। खास तौर पर चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी जिलों में सतर्कता की आवश्यकता है। प्रशासन ने SDRF और NDRF टीमों को अलर्ट पर रखा है, लेकिन दुर्गम इलाकों में राहत पहुंचाना अब भी चुनौती बना हुआ है।

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