रूद्रप्रयाग जनपद के उखीमठ विकासखंड के केदारघाटी क्षेत्र में वन्यजीव-मानव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को तरसाली गांव में घास काटने जंगल गई एक महिला पर भालू ने अचानक हमला कर दिया। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसके बाद उसे उच्च चिकित्सा केंद्र रैफर किया गया।

गंभीर हालत में श्रीनगर रेफर
Rudraprayag: रूद्रप्रयाग जनपद के उखीमठ विकासखंड के केदारघाटी क्षेत्र में वन्यजीव-मानव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को तरसाली गांव में घास काटने जंगल गई एक महिला पर भालू ने अचानक हमला कर दिया। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसके बाद उसे उच्च चिकित्सा केंद्र रैफर किया गया। घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
तरसाली गांव की एक महिला रोज की तरह जंगल में घास काटने गई थी। सुबह करीब 11 बजे के आसपास घास काटते समय झाड़ियों के बीच छिपे भालू ने अचानक महिला पर हमला कर दिया। हमले की तीव्रता इतनी तेज थी कि महिला संभल भी नहीं पाई और गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़ी। महिला के सिर और चेहरे पर गहरे घाव आए हैं, जिससे उसकी हालत चिंताजनक हो गई।
महिला की चीख-पुकार सुनकर पास में मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने शोर मचाकर भालू को वहां से भगाया, तब कहीं जाकर महिला की जान बच पाई। ग्रामीणों का कहना है कि घटना के दौरान भालू बेहद आक्रामक था और महिला को खींचने की कोशिश भी कर रहा था। स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 एंबुलेंस की सहायता से घायल महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर्स ने महिला की स्थिति को नाजुक बताते हुए उसे रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल रैफर किया। हालांकि महिला के सिर पर आए गहरे घाव और चेहरे पर गंभीर चोटों को देखते हुए रूद्रप्रयाग से उसे श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर करना पड़ा। अस्पताल स्रोतों के अनुसार, महिला को कई टांके लगाने पड़े हैं और उसकी हालत अभी भी सामान्य नहीं है।
उखीमठ और केदारघाटी क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से भालू और गुलदार के हमलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही लोग बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। खेतों, रास्तों और यहां तक कि आवासीय इलाकों के पास भी वन्यजीवों की मौजूदगी बढ़ गई है, जिससे लोगों में भारी भय का माहौल बना हुआ है।
वन विभाग की ओर से दावा किया जाता है कि टीम लगातार निगरानी कर रही है, लेकिन बढ़ते हमलों से ग्रामीण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं।
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तरसाली गांव सहित आसपास के कई गांवों के लोगों में इस घटना के बाद गहरी दहशत फैल गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द प्रभावी कदम उठाने, गांवों के आसपास निगरानी बढ़ाने और वन्यजीवों की गतिविधि को नियंत्रित करने की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर जंगलों से लगे गांवों में वन्यजीव संघर्ष की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है।