Nainital: रामनगर के सरकारी अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था अब जिला प्रशासन के रडार पर आ गई है। लगातार मिल रही शिकायतों और स्थानीय संगठनों के विरोध के बाद जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने एसडीएम प्रमोद कुमार को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
शनिवार को जब एसडीएम अचानक अस्पताल पहुंचे तो वहां कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्था देखकर एसडीएम खुद भी हैरान रह गए।
बाहर से कराई जा रही जांच और दवाएं
एसडीएम प्रमोद कुमार ने अस्पताल के दवा स्टोर, एक्स-रे रूम, पैथोलॉजी लैब और वार्डों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जब उन्होंने मरीजों से बातचीत की तो कई मरीजों ने बताया कि अस्पताल में जांच नहीं होती, उन्हें बाहर से जांच कराने और दवाएं खरीदने के लिए कहा जाता है। एसडीएम ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि इससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
रामनगर में मांस विवाद से मचा बवाल! BJP नेता समेत पांच पर मुकदमा दर्ज, जानें पूरा मामला
ढाई घंटे में कुछ ही मरीजों की जांच
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने पाया कि ढाई घंटे बीत जाने के बाद भी कई डॉक्टरों के पास मात्र चार से पांच मरीज ही पहुंचे थे। उन्होंने इसे डॉक्टरों की उदासीनता और कमजोर कार्यशैली का उदाहरण बताया। एसडीएम ने कहा कि एक्स-रे कक्ष में भी ढाई घंटे में बहुत कम एक्स-रे हुए, जो यह दर्शाता है कि अस्पताल की कार्यप्रणाली बेहद धीमी और अव्यवस्थित है।
स्टाफ बिना वर्दी और नेमप्लेट के मिला
एसडीएम ने बताया कि अस्पताल में तैनात कई चिकित्सक और कर्मचारी बिना वर्दी और नेमप्लेट के मिले, जो सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन कार्यरत नहीं है, जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को निजी क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ रहा है। एसडीएम ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि महिला मरीजों को सुविधा के अभाव में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।
सफाईकर्मियों और मैटर्न के बीच विवाद
निरीक्षण के समय एसडीएम को बताया गया कि सुबह अस्पताल के सफाई कर्मचारियों और मैटर्न के बीच विवाद हुआ था। एसडीएम ने कहा कि इस विवाद की अलग से जांच कराई जाएगी और यदि किसी की गलती पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल में अनुशासन बनाए रखना कर्मचारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी
निरीक्षण के बाद एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि उन्होंने अस्पताल की कई गंभीर खामियों का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, “अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहद खराब हैं। मरीजों से मिली जानकारी चिंताजनक है। पूरे मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा रही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई निश्चित की जाएगी।”
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि रामनगर के नागरिकों को सरकारी अस्पताल में ही गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके, ताकि उन्हें महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाने की जरूरत न पड़े।
नशा तस्करी पर रामनगर पुलिस की कड़ी कार्रवाई, 45 किलो गांजे के साथ तस्कर गिरफ्तार
जनता में आक्रोश
अस्पताल की स्थिति को लेकर स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर और सुविधाएं होते हुए भी जांच व दवा बाहर से लिखी जाती हैं, जिससे गरीब मरीजों को आर्थिक नुकसान होता है।
अब जनता उम्मीद कर रही है कि एसडीएम की जांच रिपोर्ट के बाद प्रशासन सख्त कदम उठाएगा और अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार होगा।

