

उत्तराखंड में इस समय मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पर्वतीय और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
चारधाम यात्रा (सोर्स इंटरनेट)
Dehradun News: उत्तराखंड में इस समय मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पर्वतीय और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के कई हिस्सों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी हैं। इसी बीच मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने एक बार फिर राज्य के लिए चेतावनी जारी की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मौसम विभाग ने 1 जुलाई को प्रदेश के सात जिलों — देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर — के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि 6 जुलाई तक पूरे राज्य में लगातार बारिश की आशंका बनी रहेगी, जिससे बाढ़, जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं। पिछले 24 घंटे में राज्य में औसत से चार गुना अधिक, यानी लगभग 35 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेश की स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। लगातार हो रही बारिश ने सड़कों, पुलों और खेतों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मैदानी इलाकों में जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। इन आपात स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों के आपदा नियंत्रण केंद्रों को हाई अलर्ट पर रखा है। कंट्रोल रूम में अधिकारी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
बारिश की सबसे बड़ी मार चारधाम यात्रा पर पड़ रही है। उत्तराखंड में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश और खराब मौसम के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे तीर्थस्थलों की यात्रा बार-बार बाधित हो रही है। लगातार हो रहे भूस्खलनों के कारण यात्रियों को मार्गों पर इंतजार करना पड़ रहा है और कई बार यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ रहा है। इससे श्रद्धालुओं के मन में भय और असमंजस का माहौल बन गया है।
मौसम विभाग की ताजा चेतावनी ने प्रशासन और सरकार की चिंता और बढ़ा दी है। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन मौसम की मार के आगे तैयारी भी सीमित नजर आ रही है। आमजन से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। प्रदेश में फिलहाल राहत से ज्यादा सतर्कता की ज़रूरत है, क्योंकि आने वाले दिनों में मौसम और भी विकराल रूप ले सकता है।