Haridwar News: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना…फर्श पर दिया बच्चे को जन्म,डॉक्टर-नर्स बने तमाशबीन

हरिद्वार के महिला अस्पताल से स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती करने से डॉक्टर ने मना कर दिया। पढ़ें पूरी खबर

Updated : 1 October 2025, 7:33 PM IST

Haridwar News: हरिद्वार के महिला अस्पताल से स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती करने से डॉक्टर ने मना कर दिया, जिसके बाद महिला ने प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

प्रसव पीड़ा के कारण महिला अस्पताल

जानकारी के अनुसार, हरिद्वार निवासी एक मजदूर की पत्नी को प्रसव पीड़ा के कारण महिला अस्पताल लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर सलोनी ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, अस्पताल के अन्य स्टाफ-नर्स और कंपाउंडर ने भी किसी तरह की मदद करने से हाथ खड़े कर दिए। मजबूरन महिला को अस्पताल परिसर में ही तड़पते हुए बच्चे को जन्म देना पड़ा।

अस्पताल का स्टाफ तमाशबीन बनकर खड़ा...

वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि प्रसव पीड़ा से कराहती महिला जमीन पर लेटी हुई है और अस्पताल का स्टाफ तमाशबीन बनकर खड़ा है। मौके पर मौजूद आशा वर्कर और परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मदद की गुहार लगाई तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि जब आशा वर्कर ने वीडियो बनाना शुरू किया, तो स्टाफ ने उसका मोबाइल छीनने की भी कोशिश की।

ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी भयावह

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद लोग सरकारी अस्पतालों की संवेदनहीनता पर गुस्सा जता रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तीर्थनगरी हरिद्वार में अगर यह हालात हैं, तो ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी भयावह होगी। लोग इसे स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी नाकामी और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बता रहे हैं।

महिला को अस्पताल में भर्ती

उधर, मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आर.के. सिंह ने इसे आशा वर्कर की साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया था और डिलीवरी भी वहीं हुई है। सीएमओ का दावा है कि वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

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हालांकि, बढ़ते विवाद और जनाक्रोश को देखते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि असलियत क्या है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और चिकित्सा कर्मियों की संवेदनहीनता को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

Location : 
  • Haridwar

Published : 
  • 1 October 2025, 7:33 PM IST