चमोली: Hemkund Sahib के खुले कपाट, जयकारों से भक्तिमय हुआ माहौल

पंज प्यारों की अगुआई में रविवार सुबह करीब दस बजे हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 25 May 2025, 3:03 PM IST
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चमोली: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के बाद रविवार को चमोली जिले में स्थित सिक्ख धर्म के आस्था का पवित्र धाम हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट भी दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। श्री हेमकुंड साहित के कपाट रविवार सुबह को पांच प्यारों कि ‌अगुवाई में गुरुग्रंथ साहब को सचखंड से दरबार साहब में सुशोभित किया गया, जिसके बाद दर्शन भी शुरू हो गया। पहले दिन लगभग साढे चार हजार तीर्थ यात्री हेमकुंड साहिब दर्शन करने को पहुंचे थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधक ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेंद्र जीत बिन्द्रा ने बताया हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के कपाट खुलने पर सभी मान्यताओं और पवित्र परम्पराओं का निर्वहन हुआ। सचखंड से पवित्र गुरुग्रंथ साहब गुरुद्वारा में विराजमान किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड न सिर्फ आध्यात्म बल्कि धर्म, संस्कृति और समन्वय की भी प्रेरक भूमि है।

बता दें कि हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए अब तक तकरीबन 75 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है। ये सिलसिला ऑफलाइन भी जारी है। समुद्र तल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हुकुम साहिब जी हेमकुंड साहिब धाम के कपाट खुलने से पहले 15 किलोमीटर के पैदल गुरु आस्था पथ समेत सभी तैयारियों पूरी कर ली गई थी। वहीं श्रद्धालुओं के लिए तमाम मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है।

गोविंद घाट गुरुद्वारे के समीप अलकनंदा नदी के ऊपर नया पुल बनने के बाद कुछ दूरी तक श्रद्धालुओं को पैदल चल कर छोटे वाहनों से पुलना गांव तक का सफर तय करना होगा। जिसके बाद श्रद्धालु आगे गुरु धाम के लिए पैदल यात्रा समेत एडीसी भ्यूंडार के माध्यम से उचित दरों पर डंडी कंडी, पालकी, घोड़ा खच्चर आदि बुक कर सकते हैं।

सिखों के पवित्र हिमालयी धाम हेमकुंड साहिब ऐसा प्रेरक गुरु धाम है। जहां के पहले ग्रंथी स्थानीय भ्यूंडार पुलना गांव के हिन्दू परिवार के नन्दा सिंह थे। गोविन्द घाट हेमकुंड गुरुद्वारा के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह बताते हैं बाबा नन्दा सिंह को सुखमनी साहिब का ऐसा आशीर्वाद मिला कि वह उन्हें सिद्ध हो गया।

उनके मुख से सुखमनी साहिब का पाठ कराने के लिए लोग उन्हें आदर पूर्वक पंजाब सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने घरों में आमंत्रित करते थे। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा यात्रा के गांव भ्यूंडार पुलना निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता और हेमकुंड साहिब के पहली ग्रंथी नन्दा सिंह के भतीजे भवान सिंह चौहान बताते हैं कि गुरुकृपा से हेमकुंड साहिब के पहले ग्रंथी बनने का सौभाग्य उनके पूर्वज को मिला।

आपको बता दें कि 30 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था।

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