

चार धाम यात्रा में दो श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी गई। जानिए डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर
चारधाम की यात्रा के दौरान दो यात्रियों की मौत
चमोली: उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा जोरों शोरों पर चल रही है। चारधाम यात्रा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। रुद्रनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे दो श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक श्रद्धालुओं की पहचान नितिन नेगी (32) पुत्र भूपेंद्र सिंह, निवासी विंगर, उडामांडा, चमोली निवासी के रूप में हुई है। वहीं दूसरे श्रद्धालुओं की पहचान सुब्रमणी (71) निवासी 1045 बी शक्तिनगर पोरिपरपाकम, 6 स्ट्रीट, आजीयम जिला चेन्नई तमिलनाडू के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार नितिन नेगी चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की यात्रा पर जा रहे थे इस बीच उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनके साथियों की सूचना पर गोपेश्वर थाने से मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने नितिन को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थानाध्यक्ष विनोद चौरसिया ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद नितिन का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
वहीं वहीं बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर जा रहे 70 तीर्थयात्रियों के जत्थे में शामिल सुब्रमणी (71) की पीपलकोटी में अचानक तबीयत बिगड़ गई जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
इन मौतों में से अधिकांश का कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बताई जा रही हैं, जिनमें ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और हृदय संबंधी दिक्कतें प्रमुख हैं।
श्रद्धालुओं की मौतें मुख्य रूप से स्वास्थ्य समस्याओं, अत्यधिक थकान, और कुछ मामलों में सड़क हादसों या भगदड़ जैसी घटनाओं के कारण होती हैं। विशेष रूप से चारधाम यात्रा जैसे कठिन मार्गों पर, जहां ऊंचाई और मौसम की स्थिति प्रतिकूल हो सकती है, हृदय संबंधी समस्याएं, सांस लेने में तकलीफ, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं मौत का कारण बन सकती हैं।
डॉक्टर का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति चारधाम या फिर अन्य ऐसे किसी पहाड़ी जगह पर जा रहा है तो उसे महीनों पहले इसकी तैयारी करना चाहिए. क्योंकि कोई व्यक्ति यदि अचानक से एक दिन में इतना पहाड़ चढ़ेगा तो उसे हृदय गति रुकने या रक्तचाप जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए ऐसे जगहों पर जाने के लिए पहले से ही घूमना फिरना शुरू कर देना चाहिए. डॉ त्रिपाठी की मानें तो जिस व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, थकान बहुत जल्दी हो जाती हो, थोड़ा चलकर ही सांस फूलने लगती हो या चेस्ट में किसी तरह का दर्द अथवा कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ हो तो उसे इस तरह का सफर नहीं करना चाहिए।