Site icon Hindi Dynamite News

गांव खुशहाली में सड़क न होने के कारण बदहाली, युवाओं के लिए विवाह की राह भी मुश्किल, पढ़ें पूरी खबर

एक ऐसा अनोखा गांव है जिसके लिए कोई रास्ता ही नही है। यहाँ के बाशिंदे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, क्योंकि गांव को जाने वाला जो रास्ता है वो बरसात के मौसम में दलदल व कीचड़ में तब्दील हो जाता है।सबसे बड़ी समस्या इस गांव के युवाओं के लिए खड़ी हो गई है।
Post Published By: Asmita Patel
Published:
गांव खुशहाली में सड़क न होने के कारण बदहाली, युवाओं के लिए विवाह की राह भी मुश्किल, पढ़ें पूरी खबर

Mainpuri News: मैनपुरी जिले के कराहल विधानसभा क्षेत्र में स्थित ग्राम नगला खुशहाली के ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। गांव के लिए जाने वाली सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि बरसात के मौसम में यह पूरी तरह से दलदल और कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस सड़क की बदहाली के कारण न केवल ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि युवाओं के विवाह के अवसर भी संकट में पड़ गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क के निर्माण के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

गांव में सड़क की बदहाली

ग्राम नगला खुशहाली, जो मैनपुरी जिले के कराहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, की सड़क की स्थिति ऐसी है कि यहां वाहन तो छोड़िए, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बरसात में यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ और पानी से भर जाती है, जिससे गांव का संपर्क अन्य इलाकों से कट जाता है। यह वही क्षेत्र है जहां समाजवादी पार्टी के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी विधायक रह चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद गांव में सड़क का हाल सुधरने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय नेताओं और अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सड़क के बिना युवाओं के लिए विवाह की समस्या

गांव की बदहाल सड़क के कारण सबसे अधिक नुकसान यहां के युवाओं को हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण अब इस गांव के लड़कों के लिए विवाह के रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं। शादी के लिए जब लड़के के घर कोई रिश्ते का प्रस्ताव आता है, तो लड़की वाले यह कहकर लौट जाते हैं कि “इस नरक में तो हम अपनी बेटी को नहीं भेज सकते।” इस वजह से यहां के लड़के, जो 25 से 40 साल के बीच हैं, अब तक अविवाहित हैं। कई लड़के तो शादी के लिए अन्य स्थानों पर गए हैं, ताकि वे भी कुँआरे न रह जाएं। यह स्थिति गांव के युवाओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

स्कूल की समस्या भी बनी मुद्दा

गांव के बच्चों के लिए शिक्षा भी एक बड़ी समस्या बन गई है। यहां सरकारी स्कूल होने के बावजूद बच्चों की संख्या कम होने के कारण स्कूल को तीन किलोमीटर दूर मर्ज कर दिया गया है। अब बच्चों के अभिभावक उन्हें दूर भेजने को तैयार नहीं हैं, और इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रदर्शन भी किया था।

समाजसेवी धर्मवीर राही की कोशिशें

गांव के एक समाजसेवी धर्मवीर राही ने सड़क बनाने के लिए कई प्रयास किए, और इससे पहले उन्होंने घिरोर तहसील और गंगा नदी के लिए आंदोलन भी किया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली थी। हालांकि, अपने खुद के गांव की सड़क बनाने में उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई। वह बताते हैं कि करीब पंद्रह साल पहले किसी जनप्रतिनिधि की कृपा से सड़क बनी थी, लेकिन भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की वजह से वह सड़कों के नाम पर केवल गड्ढे और पत्थर रह गए हैं।

गांव में अब मतदान बहिष्कार की योजना

गांव के ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस बार भी सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन उनके बाद कभी कोई सुनवाई नहीं होती। अब गांव के लोग इंतजार कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन कब उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

Exit mobile version