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लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने दो तस्कर गिरफ्तार किए हैं। मौके से हजारों शीशियां, केमिकल और पैकिंग मशीनें बरामद हुई हैं। गिरोह का जाल बिहार और गाजियाबाद तक फैला हुआ था।
पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया
Lucknow: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को राजधानी लखनऊ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने और सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में इंजेक्शन, पैकिंग सामग्री और नकली दवाएं बरामद की हैं।
यह कार्रवाई गौसुल हसन के मकान (ग्राम उजरियांव विजय खंड-1 थाना गोमतीनगर) में की गई, जहां से अवैध इंजेक्शन की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कयूम अली निवासी त्रिवेणीनगर अलीगंज और मोहम्मद इब्राहिम (निवासी कदम रूरल वार्ड, मदेयगंज, लखनऊ) के रूप में हुई है। उपनिरीक्षक हरीश सिंह चौहान के नेतृत्व में विनोद यादव, पवन, सुनील यादव, देवेन्द्र और सूरज की टीम को अभिसूचना संकलन का जिम्मा सौंपा गया। टीम को सूचना मिली कि उजरियांव क्षेत्र में एक मकान में अवैध इंजेक्शन तैयार किए जा रहे हैं, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और औषधि विभाग की मदद से छापेमारी की गई। मौके पर मौजूद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में मिलावटी ऑक्सीटोसिन और पैकिंग सामग्री बरामद की गई।
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एसटीएफ को कुछ दिनों से बिहार राज्य से लखनऊ में अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की सप्लाई की सूचना मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर डीएसपी दीपक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में एक टीम गठित की गई।
पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया कि वे एक गिरोह का हिस्सा हैं, जो लखनऊ समेत आसपास के जिलों में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की अवैध सप्लाई करता है। ये लोग बिहार और गाजियाबाद से ऑक्सीटोसिन पाउडर और पैकिंग सामग्री मंगवाकर उसे विभिन्न साइज की शीशियों में पैक करते थे। इसके बाद सप्लायरों के जरिए इनकी बिक्री की जाती थी। ऑक्सीटोसिन का यह इंजेक्शन जानवरों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए अवैध रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन मानव शरीर पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं।