4 जुलाई को तय थी शादी, प्रशासन ने समय रहते बचाई किशोरी, पढ़ें पूरी खबर

इटावा में नाबालिग लड़की की शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही कांड हो गया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 24 June 2025, 11:11 AM IST
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इटावा: जिले के जसवंतनगर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी की 40 वर्षीय व्यक्ति से जबरन शादी कराए जाने की तैयारी चल रही थी। लेकिन प्रशासन की तत्परता और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सक्रियता से यह बाल विवाह रुकवा दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, शादी की तारीख 4 जुलाई तय थी और तैयारियां जोरों पर थीं।

रिश्तेदार की शिकायत पर डीएम ने लिया संज्ञान

इस पूरे मामले की जानकारी तब सामने आई जब किशोरी के एक रिश्तेदार ने जिला अधिकारी (डीएम) इटावा से सीधे संपर्क कर मामले की शिकायत की। शिकायत में बताया गया कि किशोरी की उम्र 18 साल से कम है और उसे परिवार की रजामंदी से एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से जबरन शादी कराई जा रही है।

पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने की कार्रवाई

शिकायत मिलते ही डीएम इटावा ने तत्काल संज्ञान लिया और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, महिला कल्याण विभाग और स्थानीय पुलिस को मौके पर भेजा। टीम ने किशोरी के घर पहुंचकर उसकी उम्र और स्थिति की जांच की। दस्तावेजों के आधार पर पुष्टि हुई कि वह नाबालिग है और उसकी शादी बाल विवाह अधिनियम के खिलाफ है।

किशोरी को सखी वन स्टॉप सेंटर भेजा गया

प्रशासन ने किशोरी को सुरक्षा की दृष्टि से "सखी वन स्टॉप सेंटर" में भेज दिया है, जहां उसका काउंसलिंग और स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। किशोरी की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी कराई जाएगी, ताकि उस पर शादी के लिए बने परिवारिक दबाव का असर कम हो सके।

परिवार से भी हो रही पूछताछ

पुलिस द्वारा किशोरी के परिजनों से पूछताछ की जा रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में उन्होंने एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से नाबालिग की शादी तय की। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विवाह आर्थिक या सामाजिक दबाव के चलते तय किया गया था। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि इसमें किसी तरह की मानव तस्करी या बाल शोषण की साजिश तो नहीं थी।

प्रशासन ने दिया कड़ा संदेश

जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बाल विवाह एक अपराध है, और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को कानूनी बख्शा नहीं जाएगा। यदि जांच में पुष्टि होती है कि विवाह जबरन या लाभ के लिए तय किया गया था तो परिजनों व दूल्हे समेत आयोजकों पर FIR दर्ज की जाएगी।

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